Nipah Virus : निपाह वायरस से सावधान, कोमा में जा सकता है मरीज 48 घंटे के भीतर - KRANTIKARI SAMVAD

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Tuesday, May 22, 2018

Nipah Virus : निपाह वायरस से सावधान, कोमा में जा सकता है मरीज 48 घंटे के भीतर

निपाह वारयस से हुई मौतों के बाद फैली अफरातफरी के बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया कि उन्होंने कहा कि उन लोगों की सूची बनाई गई है जो उन मरीजों के संपर्क में आए थे। एहतियाती उपाय के तौर पर उन्हें अलग कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के आस-पास के अस्पतालों से विशेष वार्ड स्थापित करने को कहा गया है और अगर मरीजों में वायरस के लक्षण हों तो उन्हें मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्देश दिया गया है।


दूर रहने को कहा गया है मरीज के रिश्तेदारों को
निपाह वायरस का संक्रमण मरीज के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। इसलिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने संक्रमित मरीज के परिजनों को अस्पताल आने से मना कर दिया है। मरीजों को विशेष वार्ड में रखा गया है जहां अस्पाताल के कर्मचारियों को भी बिना विशेष एहतियात बरते आने की मनाही है। संक्रमण से दम तोड़ने वाली नर्स लिनी की मां और उनके परिजनों को भी शव के पास जाने नहीं दिया गया। नर्स का अंतिम संस्कार भी स्वास्थ्यकर्मियों ने किया।


गांव छोड़कर जा रहे है लोग
कोझिकोड जिले के चंगारोठ में वायरस संक्रमण से मौत के बाद कम से कम 30 परिवार घर छोड़कर चले गए हैं। दो गांव भी खाली हो चुके है। यहां करीब 150 लोग खुद गांव से बाहर चले गए हैं। स्वास्थ कर्मचारी वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चमगादड़ों को पकड़कर मारने में जुटे हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे कम से दो सप्ताह तक उन इलाकों में अपने रिश्तेदारों के पास नहीं जाएं जहां संक्रमण फैला है। गांववालों ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने मरे हुए चमगादड़ देखे थे मगर इसपर ध्यान नहीं दिया था।
फ्रूट बैट प्रजाति के चमगादड़ इस संक्रमण को तेजी फैलाते हैं। इसकी वजह यह है कि यह एक मात्र स्तनधारी है जो उड़ सकता है। पेड़ पर लगे फलों को खाकर संक्रमित कर देता है। जब पेड़ से गिरे इन संक्रमित फलों को इनसान खा लेता है तो वह बीमारी की चपेट में आ जाता है।

फिलहाल निपाह वायरस से संक्रमण का कोई इलाज नहीं है। एक बार संक्रमण फैल जाने पर मरीज 24 से 48 घंटे तक में कोमा जा सकता है और मौत तक संभव है।

चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में निपाह वायरस के फैलने का सबसे अधिक खतरा है। केरल में मामले सामने आने के बाद देश में खतरे की घंटी बज चुकी है। यह बीमारी लाइलाज है। संक्रमण के बाद बीमारी को बढ़ने से नहीं रोका गया तो 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में जा सकता है और उसकी मौत हो सकती है।

चमगादड़ और सुअर से फैलता है संक्रमण 
फल और सब्जी खाने वाले चमगादड़ और सुअर के जरिये निपाह वायरस तेजी से फैलता है। इसका संक्रमण जानवरों और इंसानों में एक दूसरे के बीच तेजी से फैलता है।

निपाह वायरस के लक्ष्ण
  • धुंधला दिखना
  • चक्कर आना
  • सिर में लगातार दर्द रहना
  • सांस में तकलीफ
  • तेज बुखार
ऐसे बचें निपाह वायरस से
  • पेड़ से गिरे हुए फल न खाएं।
  • जानवारों के खाए जाने के निशान हों तो ऐसी सब्जियां न खरीदें
  • जहां चमगादड़ अधिक रहते हों वहां खजूर खाने से परहेज करें
  • संक्रमित रोगी, जानवरों के पास न जाएं
वायरस से बचाव के लक्षणों पर डॉ. अग्रवाल ने कहा, “सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाए। पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें। बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें। यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।”
डॉ. अग्रवाल ने बताया, “लक्षण शुरू होने के दो दिन बाद पीड़ित के कोमा में जाने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं इंसेफेलाइटिस के संक्रमण की भी संभावना रहती है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है।”
डॉ. अग्रवाल ने कहा, “आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें। निपाह बुखार से मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को ढंकना महत्वपूर्ण है। मृत व्यक्ति को गले लगाने से बचें और उसके अंतिम संस्कार से पहले शरीर को स्नान करते समय सावधानी बरतें।”

उन्होंने कहा कि जब इंसानों में इसका संक्रमण होता है, तो इसमें एसिम्प्टोमैटिक इन्फेक्शन से लेकर तीव्र रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और घातक एन्सेफलाइटिस तक का क्लिनिकल प्रजेंटेशन सामने आता है।

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