नई दिल्ली, : बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में अपनी जांच रिपोर्ट जाहिर करने से इन्कार कर दिया है। आरबीआइ से यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के जरिये मांगी गई थी। बैंक ने आरटीआइ कानून का हवाला देते हुए कहा कि जांच को प्रभावित करने या गुनाहगारों को सजा दिलाने में बाधा पहुंचाने की संभावनाओं वाली सूचनाएं जाहिर नहीं की जा सकतीं।
आरटीआइ का जवाब देते हुए आरबीआइ ने यह भी कहा कि उसके पास इसकी कोई 'विशिष्ट सूचना' नहीं है कि पीएनबी में 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला कैसे पकड़ में आया। बैंक ने इस बारे में जानकारियां मुहैया कराने के लिए आरटीआइ आवेदन पीएनबी के पास भेज दिया है।
आरटीआइ के जरिये मांगी गई सूचनाओं के तहत आरबीआइ ने स्पष्ट किया कि वह बैंकों का ऑडिट नहीं करता है, लेकिन वह बैंकों की जांच और जोखिम आधारित निरीक्षण करता है। आरबीआइ ने पीएनबी में पिछले 10 वर्षो के दौरान इस तरह के निरीक्षणों की तिथियों की भी जानकारी दी। हालांकि बैंक ने कहा कि वर्ष 2011 के लिए उसके पास निरीक्षण की तिथियों की जानकारी उपलब्ध नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले कई वर्षो से चल रहा और इस वर्ष उजागर हुआ पीएनबी घोटाला बैंकिंग सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है। इसके तहत हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी ने पीएनबी को 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया।

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