कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 6 जून को मंदसौर में रैली और 1 से 10 जून के बीच प्रस्तावित किसान आंदोलन को लेकर प्रदेश में सियासत गरमा गई है। बताया जा रहा है कि राहुल की रैली के पहले 30 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंदसौर पहुंचेंगे। इसकी तैयारी को लेकर भाजपा ने भी मंदसौर, नीमच और रतलाम के विधायकों और जिलाध्यक्षों को भोपाल तलब कर पूरे क्षेत्र में किसान आंदोलन व कांग्रेस की रैली की रिपोर्ट ली। दूसरी ओर सीएम ने मंत्रालय में कमिश्नर और आईजी की आपात बैठक में कानून व्यवस्था की समीक्षा की।
उन्होंने निर्देश दिए कि इसमें साफ कर दिया कि किसी भी स्थिति में आंदोलन से जनता को नुकसान न हो और न ही उग्र स्थिति बने।
किसानों का ध्यान
सीएम ने बैठक में निर्देश दिए कि मंडी में छांव के लिए शेड, पीने के लिए पानी एवं नीबू पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। किसानों की कतार नहीं लगनी चाहिए। किसानों को भुगतान हो। इस वर्ष से शामिल तीन फसल चना, मसूर और सरसों की खरीदी 9 जून तक की जाएगी।
विशेष सतर्कता रखें तरावीह के बाद
बैठक में रमजान महीने के बीच किसान आंदोलन को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि तरावीह के बाद सड़कों पर एक दम से लोग इकट्ठा होते हैं। ऐसे में असामाजिक तत्व सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकते हैं। इसमें बाहरी तत्वों के प्रवेश करने या सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों को चिन्हित करके कार्रवाई करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। इस आंदोलन में कांग्रेस भी मंदसौर में पहुंचकर अपना विरोध करेगी। वहीं आप पार्टी भी आंदोलन को हवा देने के लिए रणनीति बना रही है।
सब्जी, फल और दूध बेचने से रोकने पर होगी एफआईआर
राज्य सरकार से मिले निर्देशों के बाद पुलिस ने साफ कर दिया है कि जो कोई भी ग्रामीणों को सब्जी, दूध या फल बेचने से रोकेगा, उस पर एफआईआर दर्ज की जाए। होशंगाबाद एसपी अरविंद सक्सेना ने प्रशासन और पुलिस को अलर्ट कर दिया है।
नजर सोशल मीडिया पर
मुख्यमंत्री ने सभी को कहा है कि वे सोशल मीडिया और खास तौर पर वाट्सएप पर नजर रखें। कोई भी सांप्रदायिक या मनभेद की भावना फैलाता तो तुरंत कार्रवाई करें। किसानों ने एबीसीडी में कोडवर्ड बनाया है, जिसे ध्यान रखा जाए। इधर, बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में विदर्भ से आए किसानों की एक विशेषज्ञ टीम ने दो दिन पहले ही नागदा में डेरा डाला है।
किसान आंदोलन उग्र होने का इनपुट
मंदसौर गोलीकांड की 6 जून को बरसी है। यहां धारा 144 लगा दी गई है। 30 मई के मुख्यमंत्री के दौरे को बरसी पर लोगों का हाल-चाल जानने के रूप में बताया जा रहा है। शिवराज ने सभी कमिश्नर और आईजी से कहा है कि किसान आंदोलन में किसी भी तरह की कमी न रहे, लेकिन इसे लेकर चेहरे पर टेंशन भी न लाएं। आनंद में रहें। बैठक में कमिश्नर और आईजी ने तैयारियों की जानकारी दी। बताया जा रहा है कि इंटेलिजेंस ने पश्चिम मप्र के जिलों के अलावा मध्य क्षेत्र के जिलों में आंदोलन उग्र होने की आशंका जाहिर की है।
भोपाल-इंदौर हाईवे की होगी निगरानी
किसान आंदोलन से निपटने के लिए बैठक में सीएम ने कहा कि जनता के बीच पुलिस और प्रशासन का संयम और समन्वय दिखाई दे। किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। भोपाल-इंदौर हाईवे पर खास नजर रखें। आसपास कई गांव हैं। किसान हाईवे पर आकर यात्री वाहनों को नुकसान न पहुंचाएं । इसके लिए लगातार पेट्रोलिंग और माॅनिटरिंग करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि इसमें साफ कर दिया कि किसी भी स्थिति में आंदोलन से जनता को नुकसान न हो और न ही उग्र स्थिति बने।
किसानों का ध्यान
सीएम ने बैठक में निर्देश दिए कि मंडी में छांव के लिए शेड, पीने के लिए पानी एवं नीबू पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। किसानों की कतार नहीं लगनी चाहिए। किसानों को भुगतान हो। इस वर्ष से शामिल तीन फसल चना, मसूर और सरसों की खरीदी 9 जून तक की जाएगी।
विशेष सतर्कता रखें तरावीह के बाद
बैठक में रमजान महीने के बीच किसान आंदोलन को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि तरावीह के बाद सड़कों पर एक दम से लोग इकट्ठा होते हैं। ऐसे में असामाजिक तत्व सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकते हैं। इसमें बाहरी तत्वों के प्रवेश करने या सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों को चिन्हित करके कार्रवाई करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। इस आंदोलन में कांग्रेस भी मंदसौर में पहुंचकर अपना विरोध करेगी। वहीं आप पार्टी भी आंदोलन को हवा देने के लिए रणनीति बना रही है।
सब्जी, फल और दूध बेचने से रोकने पर होगी एफआईआर
राज्य सरकार से मिले निर्देशों के बाद पुलिस ने साफ कर दिया है कि जो कोई भी ग्रामीणों को सब्जी, दूध या फल बेचने से रोकेगा, उस पर एफआईआर दर्ज की जाए। होशंगाबाद एसपी अरविंद सक्सेना ने प्रशासन और पुलिस को अलर्ट कर दिया है।
नजर सोशल मीडिया पर
मुख्यमंत्री ने सभी को कहा है कि वे सोशल मीडिया और खास तौर पर वाट्सएप पर नजर रखें। कोई भी सांप्रदायिक या मनभेद की भावना फैलाता तो तुरंत कार्रवाई करें। किसानों ने एबीसीडी में कोडवर्ड बनाया है, जिसे ध्यान रखा जाए। इधर, बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में विदर्भ से आए किसानों की एक विशेषज्ञ टीम ने दो दिन पहले ही नागदा में डेरा डाला है।
किसान आंदोलन उग्र होने का इनपुट
मंदसौर गोलीकांड की 6 जून को बरसी है। यहां धारा 144 लगा दी गई है। 30 मई के मुख्यमंत्री के दौरे को बरसी पर लोगों का हाल-चाल जानने के रूप में बताया जा रहा है। शिवराज ने सभी कमिश्नर और आईजी से कहा है कि किसान आंदोलन में किसी भी तरह की कमी न रहे, लेकिन इसे लेकर चेहरे पर टेंशन भी न लाएं। आनंद में रहें। बैठक में कमिश्नर और आईजी ने तैयारियों की जानकारी दी। बताया जा रहा है कि इंटेलिजेंस ने पश्चिम मप्र के जिलों के अलावा मध्य क्षेत्र के जिलों में आंदोलन उग्र होने की आशंका जाहिर की है।
भोपाल-इंदौर हाईवे की होगी निगरानी
किसान आंदोलन से निपटने के लिए बैठक में सीएम ने कहा कि जनता के बीच पुलिस और प्रशासन का संयम और समन्वय दिखाई दे। किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। भोपाल-इंदौर हाईवे पर खास नजर रखें। आसपास कई गांव हैं। किसान हाईवे पर आकर यात्री वाहनों को नुकसान न पहुंचाएं । इसके लिए लगातार पेट्रोलिंग और माॅनिटरिंग करें।
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