केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में शुक्रवार को आयोजित 'एज 2020, द स्पेस कॉन्कलेव' में भाग लेने पहुंचे विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के उप निदेशक हरिदास टीवी ने कहा कि यह क्षमता इसरो को एक बड़ा वाणिज्यिक बढ़ावा देगी क्योंकि यह बाजार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम खंडों को पूरा करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब इसरो केवल तीन सप्ताह में इन वाहनों का निर्माण कर सकता है
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) लगभग 30-35 करोड़ रुपये की लागत वाले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल्स को तैयार कर रहा है, जो 500 किलोग्राम वजन वाले उपग्रहों को कक्षा में भेज सकता है। इस तरह का पहला लॉन्च अगले चार महीनों में किए जाने की उम्मीद है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) लगभग 30-35 करोड़ रुपये की लागत वाले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल्स को तैयार कर रहा है, जो 500 किलोग्राम वजन वाले उपग्रहों को कक्षा में भेज सकता है। इस तरह का पहला लॉन्च अगले चार महीनों में किए जाने की उम्मीद है।
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