चुनावी संवाद : भाजपा में केवल वही कांग्रेसी जा रहे जिनके खिलाफ एफआईआर या ईडी, आईटी का मामला - KRANTIKARI SAMVAD

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Saturday, May 4, 2024

चुनावी संवाद : भाजपा में केवल वही कांग्रेसी जा रहे जिनके खिलाफ एफआईआर या ईडी, आईटी का मामला

 चुनावी संवाद : भाजपा में केवल वही कांग्रेसी जा रहे जिनके खिलाफ एफआईआर या ईडी, आईटी का मामला



Exclusive : पीसीसी चीफ दीपक बैज से हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 'सार्थक संवाद' शो में ख़ास बातचीत ।



रायपुर। इस समय पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी है। भाजपा के लोग महंगाई, बेरोजगारी, काले धन की कोई बात नहीं करते। मंदिर मस्जिद और भगवान तथा मंगलसूत्र तक पहुंच गए हैं। और तो और अब पाकिस्तान की एंट्री भी हो गई है। देश की जनता समझ चुकी है, अब वह भारतीय जनता पार्टी के झांसे में आने वाली नहीं है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने यह बात हरिभूमि आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से चुनावी संवाद कार्यक्रम में कही।

■ अतीत के इतने कड़वे अनुभव से लेकर भविष्य तक क्या उम्मीद देख पा रहे हैं। 2004 से लेकर 2019 तक दो सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2024 में कोई उम्मीद रख रही है।

■ हम अतीत की बात करें तो निश्चित रूप से कांग्रेस को एक या दो सीट मिली है, लेकिन इस समय पर परिस्थिति बदली हुई है। छत्तीसगढ़ में सभी रिकार्ड टूटेंगे। इतिहास बदलेगा और 2019 की तुलना में इस समय ज्यादा सीटें जीतेंगे।

■ 2018 के विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीते, उसके चार महीने बाद में जब लोकसमा चुनाव हुए तो दो सीटें जीत पाए और आप आत्म विश्वास से इतने लबरेज हैं। क्या मुस्कान दिखती थी आपके चेहरे पर जब विधानसभा की बात होती थी और आप 75 पार सीटें जीतने की बात किया करते थे। नतीजा आया तो क्या 46 भी नहीं आई और सरकार भी चली गई। जब सरकार चली गई, सरकार जाने के बाद क्या ऐसा करने जा रहे हैं जो लोकसभा में जो विधानसभा में नहीं कर पा रहे थे।

■ चेहरे पर अभी भी मुस्कुराहट है। चुनाव आते जाते रहते हैं, राजनीति में। विधानसभा के मुद्दे अलग हैं, लोकसभा के अलग। इस समय पूरे देश में मोदी-भारतीय जनता पार्टी की एंटी इंकमबेंसी है। छत्तीसगढ़ में चार माह की रिमोट कंट्रोल सरकार है। इससे भी छत्तीसगढ़ की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के पूरे मंत्रि मंडल न बेरोजगारी की बात करते न महंगाई की बात करते है। नौकरी की बात, काले धन की बात नहीं करते। सिर्फ मंदिर मस्जिद भगवान और मंगल सूत्र तक पहुंच गए और कल तो पाकिस्तान की भी एंट्री हो गई। 7 तारीख का मतदान होने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सभाओं में प्रधानमंत्री आपको रोते हुए दिखेंगे। घडियासी आंसू बहाते दिखेंगे देश की जनता के सामने। ताकि एक इमोशनल कार्ड खेल सकें। पहला चुनाव महंगाई को लेकर लड़े, दूसरा चुनाव पुलवामा को लेकर लड़े। तीसरा चुनाव में उनके पास कुछ नहीं है। राम मंदिर भी ढंडे बस्ते में है। मंदिर अपनी जगह भगवान अपनी जगह पर है। आप अपने दस साल के काम पर चुनाव लड़ो न। आप क्यों नहीं बोल रहे हैं कि हमने महंगाई कम किया। क्यों नहीं बोल रहे कि 20 करोड़ लोगों को रोजगार दिया 10 साल में। क्यों नहीं बोल रहे रहे हैं कि हम काला धन वापस लाए। क्यों नहीं बोल रहे है कि हम युवाओं के लिए क्या किया।

■ जब मोदी जी के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी के बारे में बता रहे हैं, पूरा का पूरा वातावरण मोदी जी, भाजपा के खिलाफ है। ऐसे में प्यादे भी वजीर बनने की उम्मीद करते हैं। जब ऐसी बात है तो आपकी पार्टी के केंद्र राहुल गांधी अपनी पंरपरागत सीट अमेठी की जगह रायबरेली भागकर क्यों चले गए। क्या स्मृति ईरानी से डरकर आपका नेता रायबरेली पहुंच गया।

■ देश में क्या कही भी किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है क्या। लेकिन मैंने कहा इस समय भारतीय जनता पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है। भाजपा के लिए राहुल गांधी ही सबसे बड़ा मुद्दा है। आप राहुल गांधी को चाहे कितनी गालियां दे दो कोस लो। कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। देश की जनता समझ चुकी है। जो राहुल गांधी कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक चार हजार किलोमीटर पैदल चल सकते हैं। लोगों के बीच जा सकते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मणिपुर का म नहीं बोल सकते वहां से राहुल गांधी वहां से निकलकर मुंबई तक यात्रा करते हैं। पूरे देश को नाप चुके राहुल गांधी देश की नब्ज टटोल चुके हैं। प्रधानमंत्री जहां हवाई जहाज से घूम रहे हैं राहुल वहां पैदल जा चुके हैं।

■ यानी राहुल गांधी को समझ में आ गया कि अमेठी में कुछ नहीं होने वाला है, इसलिए रायबरेली चले गए।

■आप एक सीट की बात मत करिए, हम देश की बात कर रहे हैं।

■ तो अमेठी की बात नहीं करनी चाहिए, अमेठी देश का हिस्सा नहीं है।

■ राहुल गांधी रायपुर से नहीं लड़ सकते क्या। राहुल गांधी लड़ रहे उत्तर प्रदेश से. इससे कांग्रेस को फायदा होगा। इस समय भारतीय जनता पार्टी राहुल जी से डरी हुई है। उनके लिए तो राहुल गांधी ही सबसे बड़ा मुद्दा है। भारतीय जनता पार्टी की जो भाषा है, मोदी जी की जो भाषा है भाषणों में। उनकी भाषा, मनोस्थिति पूरी तरह से बदल गई है।

■ आप बता रहे हो राहुल गांधी से डरी हुई है भाजपा, हिली हुई है भाजपा। एक तरफ डरी हुई भाजपा अपना लक्ष्य 370 सीटों का दिखा रहा है। डरा हुआ एनडीए अपना लक्ष्य 400 पार का दिखा रहा है। और राहुल गांधी के नेतृत्व में सत्ता में आती कांग्रेस 272 सीटों का भी दावा नहीं कर रही है। ये कैसे डरे हुए लोग है जो 370 बोलते हैं और ये कैसे जीतते हुए लोग है जो 272 भी नहीं बोल पाते हैं।

■देश की जनता तय करेगी 4 तारीख को चार सौ पार का नारा, या फिर सरकार में कौन आएगा। इस समय देश की जनता मूड बना चुकी है। दस साल देश चलाने के बाद मोदी जी ने देश को कुछ नहीं दिया। सिर्फ देश को ठगने और झूठ बोलने के अलावा कुछ नहीं किया। सिर्फ भाषणों से देश चलाया है। इसी का नतीजा है कि इस समय देश के किसान सड़कों पर हैं, युवा सड़कों पर हैं। माता बहनें सुरक्षित नहीं है। मणिपुर में क्या हुआ हमारी आदिवासी बहनों के साथ पूरे देश ने देख लिया है। उसके लिए एक शब्द नहीं बोलते।

■ ऐसे नाकाम लोगों के साथ जुड़ने में कांग्रेसी इतने लालयित क्यों है। धड़ाधड़ कांग्रेस पार्टी के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। पूरब से लेकर पश्चिम तक ये खबर आती है कि ये कांग्रेस भाजपाई हो गए।

■ भाजपा वाले भी कांग्रेस में आ रहे हैं। कई सांसद कांग्रेस में आ गए हैं। हम एक ही पक्ष क्यों देख रहे हैं, दूसरा पक्ष भी देखें। कौन लोग जा रहे है, जिनके खिलाफ एफआईआर हुई जिनको डराने के का काम किया गया। जिनको ईडी, आईटी, सीबीआई का धौंस दिखाकर अपने पक्ष में ले जाने का काम किया गया। आप देखेंगे कि सबसे ज्यादा भ्रष्ट नेता भारतीय जनता पार्टी में है। अभी तो मोदी वाशिंग मशीन मोदी पाउडर आ गया है। एक बार मोदी जी बोल दिए भ्रष्ट है। दूसरे दिन बीजेपी ज्वाईन कर लिए। वाशिंग मशीन से क्लीन होकर बाहर निकल गए। यही तो चल रहा है देश में। डराने-धमकाने का काम चल रहा है।

■ दीपक जी तो आप कितने आभारी है कि कांग्रेस को ये लोग भ्रष्ट लोगों से मुक्त कर रहे हैं। जितने भी दागदार लोग है वे भाजपा में चले गए हैं। वो कैसे लोग है।

■ भारतीय जनता पार्टी तो आरोप लगा रही है। साबित तो उनको करना चाहिए। भाजपा जिस पर आरोप लगा रही है. उसे बीजेपी में ले जा रही है।

■मैंने यही तो आपसे सवाल किया कि आप कितने आभारी हैं बीजेपी के। जितने भी भ्रष्ट लोग हैं आपकी पार्टी से जा रहे हैं। मोदी जी का वाशिंग पाउडर आपके भी बड़ा काम आ रहा है।

■ मोदी जी का वाशिंग पाउडर कहीं काम नहीं आ रहा है। इस समय वाशिंग पाउडर से मुक्ति चाहती है देश की जनता। 4 तारीख को पता लग जाएगा। मोदी पाउडर से मुक्त होगी देश की जनता।

■ प्रदेश पर आते हैं. 11 सीटें है जिन पर भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज जी के नेतृत्व में ऐसे लोगों को मैदान में उतारा जो जनता से चार महीना पहले ही खारिज हुए थे। शिव डहरिया, ताम्रध्वज भूपेश बघेल, ये लोग मंत्री और मुख्यमंत्री के स्तर पर जनता से खारिज हुए। ऐसे लोगों को आपने मैदान में उत्तार दिया। कोई खास रणनीति। भारतीय जनता पार्टी से कोई अंदरूनी समझौता। भारतीय जनता पार्टी से अंडरस्टैंडिंग आपकी मदद करेंगे। आप जो कहेंगे वो प्रत्याशी देंगे। ऐसा कोई मामला है क्या।

■ क्या 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने नेता चुनाव नहीं हार गाए थे। 14 सीटों पर सिमट गए थे। आप नाम गिना दिए। में भी नाम गिना देता हूं। राजेश मूणत, केदार कश्यप, चुनाव नहीं हारे थे, और ऐसे कई नेता है जो चुनाव हारे थे। पार्टी ने फिर टिकट दिया।

■ थोड़ा रुकिए... ये जितने भी लोग चुनाव हारे थे। 2018 में। बड़ी हसरत रही थी कि 2019 में लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा ने एक की भी हसरत पूरी नहीं की।

■चुनाव 2018 का हो या 2019 का हार तो हार है। 2018 में हारते है, 2023 में फिर उन्हें टिकट देते हैं। हमारे कांग्रेस के प्रत्याशी 2023 में हार गए उन्हें फिर अभी टिकट दी इसमें क्या गलत है। हमारे प्रत्याशी मजूबत है, और मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं।

■ आप कह रहे हैं मजबूत प्रत्याशी, हमारे साथ जो बैठे हैं दीपक बैज जो 2019 में मोदी जी की लहर चल रही थी पूरे देश में। ऐसे समय भी वो चुनाव जीते थे। हम ये बात समझ नहीं पाए कि जो दीपक बैज 2019 में मोदी लहर में भी चुनाव जीत गया था, वह 2024 में प्रत्याशी क्यों नहीं बना। अपने ही अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस इतना डर क्यों गई। इतना सहम क्यों गई।

■में सिर्फ सासंद ही नहीं में प्रदेश का अध्यक्ष भी हूं। मेरी जवाबदारी खुद के चुनाव लड़ने से ज्यादा चुनाव लड़ाने में है। इसमें पार्टी को भी फायदा है मेरे लिए भी फायदा है। इसलिए पार्टी ने जो निर्णय लिया है, सोच समझकर लिया है। इसके लिए में पार्टी का आभारी हूं। इस समय हम पूरी ताकत से 11 सीटों पर प्रत्याशी लड़ रहे हैं। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। इसी का नतीजा है। इस समय पूरे छत्तीसगढ़ में भाजपा पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रही है।

■ तो प्रदेश अध्यक्ष विधानसभा चुनाव में भी थे थे, उस समय 90 सीटों पर चुनाव भी लड़‌ना था, तब दीपक बैज विधानसभा का चुनाव लड़ लिए। 2019 में मोदी लहर में जीते फिर 2024 में चुनाव से गायब हो गए। गायब खुद हुए या पार्टी ने कर दिया।

■कौन कहता है में गायब हो गया। दीपक बैज आज पूरे प्रदेश में दौरा कर रहे हैं। 11 लोकसभा सीटों पर प्रदेश की जनता के बीच हैं। मेरे चुनाव लड़ने से ज्यादा प्रदेश की जवाबदारी मेरे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।

■ क्या कवासी लखमा की जगह दीपक बैज मैदान में होते तो मुकाबला ज्यादा बेहतर होता।

■ कवासी लखमा 6 बार के विधायक हैं मंत्री भी रहे। बस्तर में उनकी खासी अच्छी पहचान भी है। क्षेत्र को जानते हैं, अच्छे प्रत्याशी है हमारे।

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