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Thursday, July 25, 2024

रेलवे का सबसे ज्यादा जोर यात्रियों की सुरक्षा पर, बजट में मिला रिकॉर्ड आवंटन

 रेलवे का सबसे ज्यादा जोर यात्रियों की सुरक्षा पर, बजट में मिला रिकॉर्ड आवंटन


इस बार के बजट में भारतीय रेलवे पर विशेष फोकस किया गया है। सरकार ट्रेन के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा पर भी खास ध्यान दे रही है। सरकार रेल ट्रैक पर कवच लगाने की तैयारी में है जो दस हजार किमी तक की होगी। इसके साथ ही नए ट्रैक बनाने के लिए लगभग 75 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


 हाल के कुछ दिनों में ट्रेनों के बेपटरी होने की घटनाओं में वृद्धि का सबक है कि रेलवे ने सुरक्षा पर फोकस बढ़ा दिया है। आम बजट में ट्रेनों के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा पर सबसे ज्यादा, कुल बजट का लगभग 40 प्रतिशत से अधिक खर्च का प्रबंध किया गया है। दस हजार किमी रेल ट्रैक पर कवच लगाया जाना है। नए ट्रैक एवं डबल गेज पटरियों के निर्माण पर 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाने हैं। इसके अतिरिक्त सिग्नलिंग सिस्टम में सुधार, नई तकनीक, फ्लाईओवर एवं अंडरपास बनाने पर जोर दिया जाएगा।
बजट में रेलवे को मिला रिकॉर्ड आवंटन

आम बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रेलवे के पूंजीगत व्यय के लिए 2,62,200 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन किया गया है। पिछले वित्त वर्ष में सकल बजटीय सहायता 2,40,200 करोड़ रुपये थी, जिससे इस बार 22 हजार करोड़ रुपये अधिक है। भारतीय रेल को इतनी राशि पहली बार मिली है। 2013-14 के आम बजट में रेलवे को सिर्फ 28,174 करोड़ रुपये मिले थे।

रेल मंत्री का दावा, रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने में मिलेगी मदद

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया है कि इस बजट के प्रविधानों से रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने में मदद मिलेगी। यात्रियों की सुरक्षा रेलवे के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने हुए हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुल आवंटित बजट में से 1.08 लाख करोड़ रुपये सिर्फ सुरक्षा प्रबंधन पर खर्च किए जाएंगे। ज्यादा भीड़ वाले रूटों पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाना है।

कवच-4.0 को मिल चुकी है मंजूरी

चलती ट्रेनों के आपस में टकराने से बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक से कवच प्रणाली विकसित की गई है। दो दिन पहले ही कवच-4.0 को मंजूरी दी गई है। एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों के आने के बाद उनके ब्रेक को नियंत्रित करने एवं ड्राइवरों को सतर्क करने के लिए इंजन, सिग्नलिंग सिस्टम के साथ रेल पटरियों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाते हैं। ट्रेनों को टक्कर से बचाने लिए अब तक 4,275 किलोमीटर रूट पर ऑप्टिकल फाइबर बिछाए गए हैं। दक्षिण मध्य रेलवे के 1,465 रूट किलोमीटर और 121 इंजनों में पहले ही कवच सिस्टम लगाया जा चुका है। आगरा डिवीजन ने मथुरा एवं पलवल के बीच 80 किलोमीटर ट्रैक पर कवच नेटवर्क लगाया है।
2000 किलोमीटर नई पटरियां बिछाने का लक्ष्‍य

आधारभूत संरचनाओं निर्माण में अभूतपूर्व तेजी आई है। रेलवे का लक्ष्य दो हजार किमी नई पटरियां बिछाने का है। पटरियों की मरम्मत के लिए 17,652 करोड़ आवंटित किए गए हैं। गेज परिवर्तन के लिए 4719.50 करोड़, सिंगल पटरी को डबल करने के काम पर 29 हजार 312.19 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 34 हजार 602 करोड़ से नई रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। पिछले दस वर्षों के दौरान रेलवे ने 31,180 किलोमीटर ट्रैक बिछाए हैं। प्रतिवर्ष 14.54 किमी ट्रैक बिछाए जा रहे हैं, जबकि 2014-15 में यह आंकड़ा सिर्फ चार किमी प्रतिदिन था।


रेलवे देश के आर्थिक विकास का भी सहभागी बनने के लिए तैयार है। लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाने के काम को आगे बढ़ाना है। इसके तहत बुनियादी ढांचे को व्यवस्थित करने के लिए नया दृष्टिकोण अपनाया गया है। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को सक्षम बनाया जा रहा है। पीएम गति शक्ति मिशन के तहत तीन आर्थिक रेलवे गलियारे बनाए जा रहे हैं। इनमें ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारे पर 192 परियोजनाएं ली जाएंगी। इसी तरह बंदरगाह कनेक्टिविटी गलियारे पर 42 और उच्च यातायात घनत्व गलियारे पर 200 परियोजनाएं ली जाएंगी।

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