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Friday, August 9, 2024

AI और कंटेंट क्रिएशन में भविष्य देख रहे Gen Z युवा, बदल जाएगा नौकरी करने का तरीका; रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

 AI और कंटेंट क्रिएशन में भविष्य देख रहे Gen Z युवा, बदल जाएगा नौकरी करने का तरीका; रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे


iQOO ने साइबर मीडिया रिसर्च के सहयोग से अध्ययन अमेरिका ब्रिटेन मलेशिया ब्राजील और भारत सहित सात देशों के 20-24 साल की उम्र के 6700 जनरेशन Z युवाओं के बीच किया है। इसमें कहा गया है कि सर्वे में शामिल 19 फीसदी भारतीय युवा बड़ी कंपनियों में अपने करियर को आगे बढाना चाहते हैं जबकि 84 फीसदी भारतीयों का मानना ​​है कि उनकी नौकरियां उनके लक्ष्यों के मुताबिक हैं।


कई युवाओं के भविष्य में आर्थिक तंगी पसंदीदा करियर को आगे बढ़ाने में रोड़ा।
 
एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में जेनरेशन Z (GenZ) के हर चार में से एक का झुकाव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और कंटेंट क्रिएशन जैसे नए युग के नौकरी क्षेत्रों की ओर ज्यादा है। जबकि 43 फीसदी अपने करियर में सफलता पाने के लिए कार्य-जीवन संतुलन का त्याग करने को तैयार हैं।

अध्ययन में सामने आया है कि जेनरेशन Z के केवल 9 फीसदी युवा उद्यमिता में जाना चाहते हैं। इसके पीछे का कारण ये है कि यह युवा अपने प्रोफेशनल जीवन में स्थिरता और सुरक्षा चाहते हैं।

1997-2012 के बीच पैदा हुए युवा जेन Z

बता दें कि जेन Z में वो युवा आते हैं जो 1997-2012 के बीच पैदा हुए हैं। साइबर मीडिया रिसर्च के सहयोग से iQOO द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि चार में से एक भारतीय जेन Z नए युग की नौकरी के क्षेत्रों जैसे कंटेंट क्रिएशन, डेटा विश्लेषण, एआई और साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक झुकाव रखता है। iQOO विवो मोबाइल कंपनी का एक उप-स्मार्टफोन ब्रांड है।
शौक और रुचियों को छोड़ने को तैयार हैं युवा

अध्ययन में कहा गया है, "भारत में 43 फीसदी और दुनिया में 46 फीसदी जेनरेशन Z के युवा अपने करियर में सफलता के लिए कार्य-जीवन संतुलन छोड़ने को तैयार हैं।" इसमें आगे कहा गया है कि लगभग 62 फीसदी भारतीय युवा अपने सपनों को पाने के लिए अपने शौक और अन्य रुचियों को भी छोड़ने को तैयार हैं।

दिन में 14 घंटे काम ने युवाओं के बीच छेड़ी बहस

अध्ययन में कहा गया है कि दिन में 14 घंटे और हफ्ते में कुल 70 घंटे के काम पर हुई पिछले दिनों बहस की वजह से जेन जेड के युवाओं को इस बारे में सोचने पर मजबूर किया है।
20-24 साल की उम्र के 6,700 युवा अध्ययन में शामिल

यह अध्ययन अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया, ब्राजील और भारत सहित सात देशों के 20-24 साल की उम्र के 6,700 जनरेशन Z युवाओं के बीच किया गया है। इसमें कहा गया है कि सर्वे में शामिल 19 फीसदी भारतीय युवा बड़ी कंपनियों में अपने करियर को आगे बढाना चाहते हैं, जबकि 84 फीसदी भारतीयों का मानना ​​है कि उनकी नौकरियां उनके लक्ष्यों के मुताबिक हैं, वहीं वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 72 फीसदी है।

45 फीसदी युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं

इसके अलावा 45 फीसदी युवा ने कहा कि वे अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, जबकि 32 फीसदी का मानना ​​था कि उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रासंगिक नौकरियां करनी चाहिए।
आर्थिक तंगी पसंदीदा करियर को आगे बढ़ाने में रोड़ा

वहीं, लगभग 46 फीसदी युवाओं को लगता है कि आर्थिक तंगी उनके पसंदीदा करियर को आगे बढ़ाने में रोड़ा है। हालांकि, 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को बाधाओं के बावजूद अपने सपने को पूरा करने का भरोसा है। अध्ययन में कहा गया है कि पुरुषों की तुलना में दो गुणा अधिक महिलाएं महसूस करती हैं कि लिंग उनके सपनों की प्राप्ति को प्रभावित करता है।

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