द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का प्रमुख 50 वर्षीय कश्मीरी शेख सज्जाद गुल पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। वह लश्कर-ए-तैयबा के संरक्षण में पाकिस्तान में रावलपिंडी के छावनी शहर में छिपा हुआ है और उसे सज्जाद अहमद शेख के नाम से भी जाना जाता है। अधिकारियों ने बुधवार को इस बाबत जानकारी दी। गुल कई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता रहा है।
आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है TRF चीफ शेख सज्जाद गुल (फोटो-सोशल मीडिया) लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का प्रमुख 50 वर्षीय कश्मीरी शेख सज्जाद गुल पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। वह लश्कर-ए-तैयबा के संरक्षण में पाकिस्तान में रावलपिंडी के छावनी शहर में छिपा हुआ है और उसे सज्जाद अहमद शेख के नाम से भी जाना जाता है।
अधिकारियों ने बुधवार को इस बाबत जानकारी दी। गुल कई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता रहा है, जिनमें 2020 से 2024 के बीच मध्य और दक्षिण कश्मीर में टारगेट किलिंग, 2023 में मध्य कश्मीर में ग्रेनेड हमले, अनंतनाग के बिजबेहरा में जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला, गंदेरबल में जेड-मोड़ सुरंग हमला शामिल है।
गुल से जुड़े लिंक और संचार का हुआ खुलासाएनआइए ने अप्रैल, 2022 में उसे आतंकी घोषित किया था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। अधिकारी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जांच के दौरान गुल से जुड़े लिंक और कुछ संचार का पता चला है। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी।
गुल की शिक्षा श्रीनगर में हुई और उसने बेंगलुरु से एमबीए किया था। बाद में उसने केरल में लैब टेक्नीशियन का कोर्स किया था। इसके बाद वह घाटी लौट आया, जहां उसने एक डायग्नोस्टिक लैब खोली और आतंकी समूह को सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया था।
2002 में पांच किलो आरडीएक्स के साथ पकड़ा गया था गुलआतंकी समूह के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में अपने काम के दौरान गुल को 2002 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से पांच किलोग्राम आरडीएक्स के साथ पकड़ा था। वह दिल्ली में सिलसिलेवार विस्फोट की साजिश रच रहा था, जिसके लिए उसे 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी।
2017 में गया था पाकिस्तान
2017 में जेल से रिहा होने के बाद वह पाकिस्तान चला गया था, जहां आइएसएआई ने 2019 में उसका चयन कश्मीर में टीआरएफ का नेतृत्व करने के लिए किया। उसका भाई श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में डाक्टर था और पिछली सदी के आखिरी दशक में आतंकी था। पहले वह सऊदी अरब गया और बाद में पाकिस्तान चला गया, जहां अब वह खाड़ी देशों में भगोड़ों के साथ आतंकी वित्तपोषण में शामिल है
अधिकारियों ने बुधवार को इस बाबत जानकारी दी। गुल कई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता रहा है, जिनमें 2020 से 2024 के बीच मध्य और दक्षिण कश्मीर में टारगेट किलिंग, 2023 में मध्य कश्मीर में ग्रेनेड हमले, अनंतनाग के बिजबेहरा में जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला, गंदेरबल में जेड-मोड़ सुरंग हमला शामिल है।
गुल से जुड़े लिंक और संचार का हुआ खुलासाएनआइए ने अप्रैल, 2022 में उसे आतंकी घोषित किया था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। अधिकारी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जांच के दौरान गुल से जुड़े लिंक और कुछ संचार का पता चला है। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी।
गुल की शिक्षा श्रीनगर में हुई और उसने बेंगलुरु से एमबीए किया था। बाद में उसने केरल में लैब टेक्नीशियन का कोर्स किया था। इसके बाद वह घाटी लौट आया, जहां उसने एक डायग्नोस्टिक लैब खोली और आतंकी समूह को सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया था।
2002 में पांच किलो आरडीएक्स के साथ पकड़ा गया था गुलआतंकी समूह के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में अपने काम के दौरान गुल को 2002 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से पांच किलोग्राम आरडीएक्स के साथ पकड़ा था। वह दिल्ली में सिलसिलेवार विस्फोट की साजिश रच रहा था, जिसके लिए उसे 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी।
2017 में गया था पाकिस्तान
2017 में जेल से रिहा होने के बाद वह पाकिस्तान चला गया था, जहां आइएसएआई ने 2019 में उसका चयन कश्मीर में टीआरएफ का नेतृत्व करने के लिए किया। उसका भाई श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में डाक्टर था और पिछली सदी के आखिरी दशक में आतंकी था। पहले वह सऊदी अरब गया और बाद में पाकिस्तान चला गया, जहां अब वह खाड़ी देशों में भगोड़ों के साथ आतंकी वित्तपोषण में शामिल है
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