फोन नहीं, जासूसी मशीन! यहां हर 5 मिनट में स्क्रीनशॉट लेता है Smartphone; रिपोर्ट ने उड़ाए होश
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया में तस्करी करके लाए गए स्मार्टफोन की जांच से पता चला कि यह एक जासूसी मशीन है। यह डिवाइस हर 5 मिनट में स्क्रीनशॉट लेता है और सरकार द्वारा जारी इंट्रानेट सिस्टम से जुड़ा है। इसमें बाहरी इंटरनेट ब्लॉक है और कुछ शब्दों को भी सेंसर किया जाता है। यह स्मार्टफोन देश की सख्त निगरानी नीतियों को दर्शाता है।

स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं। इसके जरिए आज कई काम आसान हो गए हैं, लेकिन ये डिवाइस जितना काम आसान बना रहा है, उतना ही खतरा भी पैदा कर रहा है। जी हां, हाल ही में उत्तर कोरिया से तस्करी कर लाए गए एक स्मार्टफोन की जब जांच की गई तो उसने सबके होश उड़ा दिए। दरअसल, ये स्मार्टफोन देश की सख्त निगरानी और सेंसरशिप नीतियों को दर्शा रहा है।
दरअसल, बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस डिवाइस को साल 2024 के आखिर में एक अंडरग्राउंड नेटवर्क के जरिए बाहर लाया गया था और इसके बाद टेक्निकल एक्सपर्ट्स से इसकी जांच कराई गई, जिसमें पता चला कि ये कोई फोन नहीं बल्कि एक जासूसी मशीन है जो हर 5 मिनट में स्क्रीनशॉट लेता है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि उत्तर कोरिया के लगभग सभी स्मार्टफोन में एंड्रॉयड का कस्टमाइज्ड वर्जन इंस्टॉल किया गया है, जिसे खास तौर पर निगरानी और विचारधारा पर कंट्रोल करने के मकसद से डिजाइन किया गया है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
इंटरनेट पर भी सरकारी कंट्रोलआपको जानकर हैरानी होगी कि इन डिवाइस में कोई बाहरी इंटरनेट नहीं है, यानी इसमें इंटरनेट पूरी तरह से ब्लॉक है और यह सरकार द्वारा जारी एक इंट्रानेट सिस्टम से जुड़ा हुआ है जिसका नाम 'क्वांगम्योंग' है, खास बात यह है कि इसमें केवल वही कंटेंट दिखाया जाता है जिसे सरकार की मंजूरी मिलती है।
शब्द पर भी सरकार का कंट्रोल
इंटरनेट के अलावा फोन में यूजर्स अगर 'ओप्पा' जैसे शब्द टाइप करते हैं तो उसे ऑटोमैटिक 'कॉमरेड' में बदल दिया जाता है। साथ ही एक वॉर्निंग मैसेज भी पॉप अप होता है, जिसमें यूजर्स को बताया जाता है कि इस वर्ड का यूज केवल अपने भाई-बहनों के लिए करें।
हर 5 मिनट में स्क्रीनशॉटजब विशेषज्ञों ने इन फोन की जांच की तो पता चला कि डिवाइस के अंदर एक ऐसा इनबिल्ट फीचर भी इंस्टॉल किया गया है जिसके जरिए ये फोन हर 5 मिनट में स्क्रीनशॉट लेते हैं और ये स्क्रीनशॉट सभी फोन में एक हिडन फोल्डर में स्टोर होते हैं, जिन्हें यूजर तो नहीं देख सकते लेकिन सरकार जरूरत पड़ने पर इन्हें एक्सेस कर सकती है यानी आपकी प्राइवेसी पूरी तरह से सरकार के हाथ में है।
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