ICICI Bank ने की थी देश के सबसे बड़े बैंक HDFC को खरीदने की कोशिश, किसने किया बड़ा खुलासा?
एचडीएफसी बैंक के पूर्व चेयरमैन दीपक पारिख ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि आईसीआईसीआई ने HDFC का अधिग्रहण करने की कोशिश की थी। पारिख ने इसका खुलासा ICICI बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर के साथ बातचीत में किया। यह बातचीत चंदा कोचर के YouTube चैनल पर अपलोड की गई है।

HDFC बैंक के पूर्व चेयरमैन दीपक पारिख ने किया बड़ा खुलासा
HDFC बैंक के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख ने एक पुराने रहस्य से पर्दा उठाते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि एक समय था कि जब ICICI बैंक ने एचडीएफसी बैंक को खरीदकर उसका अधिग्रहण करने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर ने यह प्रस्ताव उनके सामने रखा था। लेकिन उनके प्रस्ताव को उन्होंने खारिज कर दिया। दीपक पारेख ने चंदा कोचर से उनके Youtube चैनल पर बातचीत में यह खुलासा किया।
दीपक पारेख ने बातचीत में चंदा कोचर नसे कहा कि मुझे याद है कि एक बार आपने मुझसे बात एक बार बैंक के विलय को लेकर बात की थी।
दीपक पारेख का खुलासा
दीपक पारेख ने आगे आगे बताते हुए कहा, "मुझे यह बात याद है कि आपने एक बार मुझसे कहा कि ICICI ने HDFC को शुरू किया है। आप वास क्यों हमारे पास ही नहीं आ जाते? आपका यही ऑफर था जब आपने उस समय मुझे दिया था। उस समय मैंने आपसे कहा था कि ऐसा करना मेरे नाम और कंपनी दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा।"
HDFC बैंक का एचडीएफसी लिमिटेड में क्यों हुआ विलय?
एचडीएफसी बैंक के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख ने बैंक के एचडीएफसी लिमिटेड में विलय के पीछे की कहानी के बारे में बताते हुए कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक ने काफी हद तक हमारा समर्थन किया। एक NBFC जैसी बड़ी कंपनी जिसकी संपत्ति 5 लाख करोड़ से ज्यादा थी उसे एक सिस्टमैटिक तरीके से क्लासिफाइड किया।"
इसके बाद उन्होंने जोर देकर कहा कि आरबीआई ने हमें कोई रियायत नहीं दी। कोई राहत नहीं दी। समय नहीं दिया गया। RBI ने प्रोसेस को आगे बढ़ाया और इसकी अप्रूवल द
विलय के बाद HDFC बना देश का सबसे बड़ा बैंक
1 जुलाई 2023 को HDFC बैंक का विलय एचडीएफसी के साथ पूरा हुआ। इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक बन गया। दीपक पारिख ने बताया कि विलय की बात गुप्त रखी गई थी। न्यूज में आने के बाद ये बात सभी को पता चली थी। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी सरकार को थी क्योंकि सरकार आरबीआई के संपर्क में थी।
उन्होंने भारतीय बैंकों को जोर देते हुए कहा कि कम्पटीटर बने रहने के लिए विलय के साथ आगे बढ़ना भी बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम चीनी बैंकों की तरह बड़ा बनना है।
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