पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत की रूस से कच्चे तेल की निरंतर खरीद ने वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करने में मदद की है।रूस से तेल व्यापार रोकने पर कच्चे तेल की कीमतें 120-130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जातीं।रूस प्रतिदिन नौ मिलियन बैरल से अधिक कच्चा तेल उत्पादन करता है और यह दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है।

HIGHLIGHTSभारत की रूस से कच्चे तेल की निरंतर खरीद ने वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करने में मदद की
रूस इस समय दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत की रूस से कच्चे तेल की निरंतर खरीद ने वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करने में मदद की है। रूस से तेल व्यापार रोकने पर कच्चे तेल की कीमतें 120-130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जातीं।
हमने पूरी दुनिया को महंगाई की मार बचाया- हरदीप पुरी
जब एक प्रेस वार्ता के दौरान रूस के तेल खरीदने के बारे में पूछा गया तो मंत्री पुरी ने स्पष्ट किया कि रूस प्रतिदिन नौ मिलियन बैरल से अधिक कच्चा तेल उत्पादन करता है और यह दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है। उन्होंने कहा कि हमने पूरी दुनिया को महंगाई की मार बचाया।
उन्होंने कहा- ''यदि वैश्विक तेल आपूर्ति में से लगभग 97 मिलियन बैरल में से नौ मिलियन बैरल अचानक गायब हो जाते तो पूरी दुनिया को खपत में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी करनी पड़ती, जो असंभव है।''
भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन भारत ने अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए रूस से तेल खरीदना जारी रखा।
पुरी ने कहा कि रूस का तेल कभी भी वैश्विक प्रतिबंधों के अधीन नहीं था और भारत ने मूल्य सीमा के तहत छूट पर तेल खरीदकर वैश्विक बाजारों को स्थिरता प्रदान की है।
पुरी ने पीएम मोदी की सराहना की
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ऊर्जा नीति की सराहना की, जिसमें ऊर्जा की उपलब्धता और सस्ती कीमतों को प्राथमिकता दी गई है। पुरी ने यह भी बताया कि भारत अपने 330 मिलियन घरों को स्वच्छ खाना पकाने की गैस प्रदान कर रहा है, जो ऊर्जा सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस बीच, पुरी ने वियना में ओपेक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लिया, जहां उन्होंने विभिन्न देशों के ऊर्जा मंत्रियों से द्विपक्षीय बैठकें कीं ताकि भारत की ऊर्जा साझेदारियों को और मजबूत किया जा सके।
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