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Friday, July 18, 2025

ट्रैफिक पुलिस ही नहीं... अब इस ऐप के जरिए आप भी जारी कर सकते हैं चालान; 50 हजार तक कमाई भी होगी

ट्रैफिक पुलिस ही नहीं... अब इस ऐप के जरिए आप भी जारी कर सकते हैं चालान; 50 हजार तक कमाई भी होगी

अगर आप दिल्ली की सड़कों पर लापरवाह ड्राइवर्स से परेशान हैं। तो अब आप उन पर एक्शन ले सकते हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का एक खास ऐप डाउनलोड करें ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की फोटो खींचें और हर महीने 50000 रुपये तक कमाएं। बस रजिस्टर करें वायलेशन की डिटेल्स अपलोड करें और चालान इश्यू होने पर रिवॉर्ड पाएं। ये सिविक ड्यूटी के साथ इनकम का शानदार मौका है।

Prahari ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।


क्या आपने कभी सड़क पर लापरवाह ड्राइवर्स के खिलाफ कुछ करने की ख्वाहिश की है। पहले शायद संभव न हो लेकिन अब आप कर सकते हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस पब्लिक को स्मार्टफोन ऐप के जरिए ट्रैफिक नियम लागू करने में मदद करने के लिए इनवाइट कर रही है और इसके लिए हर महीने 50,000 रुपये तक कमाने का मौका दे रही है। इस ऐप को कुछ समय से लोगों को ऑफर किया जा रहा है।

चालान कैसे इश्यू करें?

न्यूज18 से बात करते हुए DCP ट्रैफिक एसके सिंह ने बताया कि इस नए इनिशिएटिव की वजह से पब्लिक रोज 1,400 से 1,500 ट्रैफिक चालान सबमिट कर रही है।




आसान है प्रक्रिया:गूगल प्ले स्टोर से ‘Prahari’ ऐप डाउनलोड करें।
मोबाइल नंबर और OTP से रजिस्टर करें।
अगर आप ट्रैफिक नियमों का उल्लघन होते देखें, तो गाड़ी की क्लियर फोटो खींचें।
ऐप पर टाइम और लोकेशन डिटेल्स के साथ फोटो अपलोड करें।

सबमिट करने के बाद, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस फोटो को वेरिफाई करेगी ताकि ये सुनिश्चित हो कि वो सच है और किसी पर्सनल डिस्प्यूट से जुड़ा नहीं है। अगर ये अप्रूव हो जाता है, तो वायलेटर गाड़ी के मालिक को चालान इश्यू होगा और कॉन्ट्रीब्यूटर को नोटिफाई किया जाएगा।

ये प्रोग्राम सिर्फ सिविक ड्यूटी के लिए नहीं है, इसके साथ फाइनेंशियल रिवॉर्ड्स भी हैं। डीसीपी सिंह के मुताबिक, ऐप के टॉप कॉन्ट्रीब्यूटर्स को हर महीने कैश प्राइज़ मिलते हैं:पहला बार: ₹50,000
दूसरा बार: ₹25,000
तीसरा बार: ₹15,000
चौथा बार: ₹10,000

इस इनिशिएटिव ने पब्लिक में जबरदस्त इंटरेस्ट पैदा किया है। लोग WhatsApp ग्रुप्स बना रहे हैं, अलग-अलग लोकैलिटीज असाइन कर रहे हैं और रेगुलरली वायलेशन की फोटोज अपलोड कर रहे हैं। कई लोगों के लिए, खासकर बेरोजगारों के लिए, ये इनकम का जरिया और सिविक डिसिप्लिन में कॉन्ट्रीब्यूट करने का तरीका बन गया है।

डीसीपी सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि इस योजना से शहर भर में यातायात अपराधों में कमी लाने में मदद मिली है और जनता की भागीदारी एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित हो रही है।

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