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Monday, July 7, 2025

कैप्टन कूल’ तो एक ही है, लेकिन ये 5 लीडरशिप सीख जो हर किसी को जाननी चाहिए!

 कैप्टन कूल’ तो एक ही है, लेकिन ये 5 लीडरशिप सीख जो हर किसी को जाननी चाहिए!


Happy Birthday MS Dhoni महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं बल्कि एक अद्भुत लीडर हैं। उन्होंने मैदान पर शांत रहकर टीम के खिलाड़ियों को फ्री रहकर खेलने दिया और हर मुश्किल समय में धैर्य दिखाया। आज धोनी 44 साल के पूरे हो चुके हैं लेकिन उनकी 5 लीडरशिप सीख जो हर किसी प्रेरित कर सकती हैं आइए आज बताते हैं इस आर्टिकल के जरिए।

MS Dhoni Birthday Story: धोनी से सीखनी चाहिए 5 लीडरशिप सीख


MS Dhoni Birthday: जब भी लीडरशिप की बात होती हैं तो लोगों को याद आती हैं उस लीडर की जो मैच जीतने पर ट्रॉफी नहीं लहराता, बल्कि पीछे खड़े होकर टीम को आगे करता है।

हम किसी और की नहीं, बल्कि बात कर रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी की, जिन्होंने मैदान के अंदार और बाहर दोनों जगह अपनी शांति, समझदारी से लीडरशिप को एक नई परिभाषा दी।

आज माही 44 साल के पूरे हो चुके हैं और उनके बर्थडे पर आज आपको बताते हैं 5 लीडरशिप सीख, जो किताबों में नहीं, बल्कि धोनी की जिंदगी से सीखनी चाहिए।


MS Dhoni Birthday Story: धोनी से सीखनी चाहिए 5 लीडरशिप सीख


1. शोर मचाने से नहीं, खामोश रहकर जीतो दुनिया

धोनी को अक्सर हाई-प्रेशर मैच के दौरान मैदान पर चिल्लाते हुए या गुस्से में नहीं देखा जाता था, बल्कि वो आंखों से खिलाड़ियों को समझाते थे।

2016 टी20 विश्व कप का ही मैच देख लो, जब बांग्लादेश को आखिरी दो गेंद पर 2 रन चाहिए थे, तो हर कोई घबरा गया था, लेकिन धोनी नहीं। उन्होंने गलव्स उतारे, दिमाग लगाया और बिजली जैसी रफ्तार से रन आउट करके टीम को हारता हुआ मैच जिताया।

2. दुनिया जीतो, लेकिन हमेशा दूसरों को क्रेडिट दो

एमएस धोनी (Interesting Facts on Dhoni’s Birthday) ने कभी खुद को जीत का हीरो नहीं बताया। फिर चाहे 2011 विश्व कप का खिताब जीतने की ही बात देख ली जाएं, जब ट्रॉफी उठाने का पहला मौका उन्होंने सचिन और युवराज सिंह को दिया। इससे ये सीख मिलती है कि सच्चे लीडर वहीं होते हैं जो जीत का क्रेडिट खुद नहीं लेते, बल्कि टीम को आगे करते हैं।


3. ईगो को साइड रखकर, एक्सपेरिमेंट करो

कहते हैं कि एक हार ये तय नहीं करती कि आप में काबिलियत नहीं हैं। अगर आज आपकी हार है तो कल आपकी जीत जरूर होगी। ऐसा ही धोनी (Happy Birthday MS Dhoni) करते थे, वह टीम से खुद को नीचे बैटिंग करने आते थे, क्योंकि वह जानते थे कि टीम की भलाई है कि कौन शानदार फॉर्म में हैं और उसे मौका मिलना चाहिए।


4. खुद के साथ दूसरों की भी मदद करो

सच्चा लीडर वो है जो खुद चमके और दूसरों को भी पहचान दिलाए। धोनी ने ऐसा ही किया, उन्होंने रवींद्र जडेजा, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ियों को तब मौका दिया जब दुनिया उन्हें नहीं जानती थी।

5.लीडरशिप शोर में कामयाब नहीं होती

जब क्रिकेट मैदान पर सन्नाटा होता था, तब धोनी (Dhoni Leadership Qualities) के फैसले गूंजते थे। हाई-प्रेशर मैच में उनकी चाल धीमी थी, लेकिन सोच बिजली सी तेज। धोनी की कप्तानी के दौरान हर खिलाड़ी को वह खुली छूट देते थे जिस तरह से वह खेलना चाहते हैं वैसे खेलें, बस उन्हें नतीजा चाहिए होता था।

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