एक सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर ने रेडिट पर अपनी दुखभरी कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कंपनी ने उन्हें टेक लीड बनाने के लिए बिना वेतन के हर हफ्ते 20 घंटे अतिरिक्त काम करने का दबाव डाला है। कर्मचारी के स्वास्थ्य पर इस भारी काम का बोझ पड़ रहा है उन्हें सीने में भारीपन और दिल से जुड़े लक्षण महसूस हो रहे हैं।

एक सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर ने अपनी दुखभरी कहानी रेडिट पर शेयर की है। पोस्ट में उसने बताया कि उनकी कंपनी ने उन्हें टेक लीड बनाने के लिए बिना वेतन के हर हफ्ते 20 घंटे अतिरिक्त काम करने का दबाव डाला है।
कर्मचारी का कहना है कि कंपनी ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें तरक्की चाहिए, तो यह काम करना अनिवार्य है। उसने लिखा, "हर दिन काम के बाद 3 घंटे और पूरे वीकेंड खत्म। यह बिना वेतन का है, कोई समझौता नहीं और कंपनी ने साफ कह दिया कि तरक्की के लिए यह करना ही पड़ेगा।"
सेहत पर भारी पड़ रहा काम का बोझ
इस भारी-भरकम काम का असर कर्मचारी की सेहत पर पड़ने लगा है। उन्होंने बताया कि उन्हें सीने में भारीपन और दिल से जुड़े लक्षण महसूस हो रहे हैं। डॉक्टर ने उन्हें तनाव से दूर रहने की सलाह दी है, लेकिन कर्मचारी ने कंपनी को इस बारे में कुछ नहीं बताया। उन्हें डर है कि कंपनी उनकी बात पर यकीन नहीं करेगी और न ही कोई परवाह करेगी।
सॉफ्टवेयर डेवलपर ने लिखा, "मुझे पता है कि वो मेरी बात नहीं मानेंगे और न ही फिक्र करेंगे। कंपनी ने कह दिया है कि कोई और रास्ता नहीं है। मैं अब फंस गया हूं, चिंता और थकान से भरा हूं, और मेरी सेहत बिगड़ती जा रही है।"
'कंपनी में जिंदा रहना मुश्किल'
कर्मचारी ने अपनी पोस्ट में बताया कि वो बिना दूसरी नौकरी के कंपनी छोड़ने से डरते हैं, लेकिन मौजूदा हालात उनके लिए असहनीय हो गए हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में दर्द भरे लहजे में लिखा, "इस कंपनी में जिंदा रहना मुश्किल हो रहा है।"
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