बारिश में वॉशिंग मशीन का कभी न करें ऐसे इस्तेमाल, फुक सकती है मोटर!
मानसून में वाशिंग मशीन का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। कंट्रोल पैनल को गीला होने से बचाएं और उसे साफ करने के लिए सूखे कपड़े का इस्तेमाल करें। मशीन में क्षमता से अधिक कपड़े न डालें क्योंकि इससे मोटर पर दबाव पड़ सकता है। महीने में एक बार डीस्केलर पाउडर या लिक्विड से मशीन की सफाई करें ताकि उसकी परफॉर्मेंस बनी रहे।

देश में मानसून की एंट्री हो चुकी है और पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों में लगातार बारिश भी हो रही है। ऐसे मौसम में वॉशिंग मशीन का यूज करते टाइम जरा-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। जी हां, अगर आप भी बिना कुछ सोचे-समझे कपड़े धो रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। आपकी एक छोटी-सी गलती के कारण मशीन की मोटर तक फुक सकती है। चलिए जानें वो आम गलतियां जो ज्यादातर लोग अक्सर बारिश के मौसम के दौरान वॉशिंग मशीन इस्तेमाल करते वक्त कर देते हैं...
कंट्रोल पैनल गीला हो जाना
कुछ लोग वॉशिंग मशीन को ऐसी जगह रख देते हैं जहां बारिश की बूंदे उस पर लगातार पड़ती रहती है। इसकी वजह से मशीन का कंट्रोल पैनल खराब होने का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। इसमें लगा हुए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट अगर पानी की चपेट में आ जाएं तो मशीन बंद हो सकती है। इतना ही नहीं पैनल को क्लीन करने के लिए गिला कपड़ा इस्तेमाल करना भी भारी पड़ सकता है।
ज्यादा कपड़े भरना
कुछ लोग मौसम को देखते हुए एक ही बार में वॉशिंग मशीन के अंदर ज्यादा कपड़े भर देते हैं। साथ ही यह भी सोचते हैं कि ज्यादा कपड़े एक साथ धोने से टाइम और बिजली दोनों बच जाएगी, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। जरूरत से ज्यादा कपड़े भरने की वजह से मशीन की मोटर पर दबाव पड़ सकता है। इससे न तो कपड़े सही से धुलेंगे और न ही ड्रम सही से घूम पाएगा। इतना ही नहीं इसके कारण मोटर भी जल सकती है।
डीस्केलर का यूज न करना
बहुत से लोग आज भी वॉशिंग मशीन को बाहर से तो चमका कर रखते हैं, लेकिन इसकी अंदरूनी सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं। डीस्केलर पाउडर या लिक्विड का यूज मशीन के अंदर जम रखी गंदगी को हटाने में काफी मदद करता है। ऐसे में आपको महीने में कम से कम एक बार तो मशीन को बिना कपड़ों के केवल डीस्केलर के साथ जरूर चलाना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ वॉशिंग मशीन की परफॉर्मेंस बनी रहती है बल्कि मशीन लंबे वक्त तक बेहतर काम करेगी।
कंट्रोल पैनल गीला हो जाना
कुछ लोग वॉशिंग मशीन को ऐसी जगह रख देते हैं जहां बारिश की बूंदे उस पर लगातार पड़ती रहती है। इसकी वजह से मशीन का कंट्रोल पैनल खराब होने का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। इसमें लगा हुए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट अगर पानी की चपेट में आ जाएं तो मशीन बंद हो सकती है। इतना ही नहीं पैनल को क्लीन करने के लिए गिला कपड़ा इस्तेमाल करना भी भारी पड़ सकता है।
ज्यादा कपड़े भरना
कुछ लोग मौसम को देखते हुए एक ही बार में वॉशिंग मशीन के अंदर ज्यादा कपड़े भर देते हैं। साथ ही यह भी सोचते हैं कि ज्यादा कपड़े एक साथ धोने से टाइम और बिजली दोनों बच जाएगी, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। जरूरत से ज्यादा कपड़े भरने की वजह से मशीन की मोटर पर दबाव पड़ सकता है। इससे न तो कपड़े सही से धुलेंगे और न ही ड्रम सही से घूम पाएगा। इतना ही नहीं इसके कारण मोटर भी जल सकती है।
डीस्केलर का यूज न करना
बहुत से लोग आज भी वॉशिंग मशीन को बाहर से तो चमका कर रखते हैं, लेकिन इसकी अंदरूनी सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं। डीस्केलर पाउडर या लिक्विड का यूज मशीन के अंदर जम रखी गंदगी को हटाने में काफी मदद करता है। ऐसे में आपको महीने में कम से कम एक बार तो मशीन को बिना कपड़ों के केवल डीस्केलर के साथ जरूर चलाना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ वॉशिंग मशीन की परफॉर्मेंस बनी रहती है बल्कि मशीन लंबे वक्त तक बेहतर काम करेगी।
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