महाराष्ट्र में गिग वर्कर्स की होगी बल्ले-बल्ले, फणडवीस के मंत्री ने किया बड़ा एलान
महाराष्ट्र सरकार गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा कानून लाने पर विचार कर रही है। श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने घोषणा की है कि जल्द ही एक ऐसा कानून लाया जाएगा जिससे गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा मिल सके। इस कानून के तहत न्यूनतम वेतन छुट्टियां और रिटायरमेंट प्लान जैसे प्रावधान शामिल होंगे। गिग वर्कर्स की मुश्किलों को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।

अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर ऑर्डर करने से लेकर जोमैटो और स्विगी से खाना मंगाना आजकल काफी आम हो गया है। फोन पर एक क्लिक करो और आपकी मुंह मांगी चीज आपके गेट पर पहुंच जाती है। इन्हें लाता कौन है? डिलीवरी बॉय, जिसको हम गिग वर्कर भी कह सकते हैं।
देश में बढ़ते ऑनलाइन ट्रेंड के साथ गिग वर्कर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। मगर क्या आपको पता है कि गिग वर्कर्स की नौकरी कितनी मुश्किल होती है? वहीं, अब महाराष्ट्र सरकार उनके लिए नया कानून लाने पर विचार कर रही है।
श्रम मंत्री ने किया एलान
महाराष्ट्र सरकार के श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने मंगलवार एलान किया कि वो जल्द ही गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा (Social Security) कानून लाने वाले हैं। जोमैटो जैसी कंपनियों को इसकी सख्त जरूरत है।
आकाश फुंडकर के अनुसार,
गिग वर्कर्स के लिए एक कानून बनाने की जरूरत है। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके। राज्य सरकार गिग वर्कर्स के साथ है।
नए कानून की जरूरत क्यों?
सर्दी, गर्मी, धूप और बरसात में गिग वर्कर्स लोगों तक पहुंचते हैं। 30 मिनट में पिज्जा डिलीवरी से लेकर 10 मिनट में सामान की होम डिलीवरी करने वाले गिग वर्कर्स हर दिन अपनी जान को जोखिम में डालते हैं। इसके बावजूद उन्हें कम सैलरी पर कई शर्तों के साथ नौकरी पर रखा जाता है और किसी भी समय निकाल दिया जाता है।
क्या है सोशल सिक्योरिटी?
सोशल सिक्योरिटी गिग वर्कर्स के लिए वरदान साबित हो सकती है। इस कानून के तहत गिग वर्कर्स के लिए न्यूनतम आय (Minimum Wage), महीने के कुछ दिनों की निर्धारित छुट्टियां (Paid Holidays) और रिटयरमेंट प्लान सुनिश्चित किया जाता है।
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