भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरा ऐतिहासिक रहा। शुभमन गिल के नेतृत्व वाली युवा भारतीय टीम ने इंग्लैंड में कमाल करते हुए पांच मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर की। टीम इंडिया ने द ओवल में संपन्न पांचवां टेस्ट 6 रन से जीतकर सीरीज बराबर करने में कामयाबी हासिल की। हालांकि भारतीय टीम को अगली टेस्ट सीरीज से पहले पांच प्रमुख सवालों के जवाब खोजने की जरुरत है।

भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरा ऐतिहासिक रहा। शुभमन गिल के नेतृत्व वाली युवा भारतीय टीम ने द ओवल में खेले गए पांचवें टेस्ट को 6 रन के करीबी अंतर से जीतकर सीरीज 2-2 से बराबर की।
टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरे पर दमदार प्रदर्शन जरूर किया, लेकिन इस दौरान कई ऐसी समस्याएं सामने आईं, जिसका जल्द से जल्द हल खोजना उसके लिए जरूरी हो गया है। भारत को अक्टूबर में अपनी अगली टेस्ट सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलनी है।
इसके बाद नवंबर में दक्षिण अफ्रीका से भारत को भिड़ना है। दो बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की रनर्स-अप भारत की कोशिश चारों मैच जीतकर ज्यादा से ज्यादा अंक अपने खाते में जोड़ने की होगी। चलिए जानते हैं कि वो कौन-से 5 सवाल हैं, जिनका हल भारत को खोजना होगा जरूरी।
1) नंबर-3 पर कौन?
इंग्लैंड दौरे पर नंबर-3 के लिए साई सुदर्शन और करुण नायर दोनों को आजमाया गया। मगर दोनों ही मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे। वेस्टइंडीज के खिलाफ अक्टूबर में इन दोनों में से किसी एक को दोबारा मौका मिल सकता है और उसे दोनों हाथों से इस मौके को लपकना होगा।
2) स्पिन की क्या भूमिका?
इंग्लैंड में जहां स्पिनर्स के लिए मदद कम थी, वहीं उप-महाद्वीप में स्पिनर्स का बोलबाला रहने की उम्मीद है। भारतीय टीम के पास स्पिन को लेकर सीमित विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इनमें कड़ी प्रतिस्पर्धा है। कुलदीप इंग्लैंड में मौके को तरसे। वहां वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा को तरजीह मिली। भारत में जब सीरीज होगी तो देखना होगा कि किन स्पिनर्स को आजमाया जाएगा।
3) ऑलराउंडर्स में किसे मिलेगा मौका?
भारत में अगर सीरीज होगी तो देखना दिलचस्प होगा कि शार्दुल ठाकुर या नीतिश कुमार रेड्डी पर भरोसा जताया जाएगा या नहीं। भारत में ऑलराउंडर के रूप में रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर सफल साबित हो सकते हैं। हालांकि, जडेजा अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर चल रहे हैं तो देखना होगा कि रेड्डी को मौका मिलता है या नहीं।
4) तेज गेंदबाजों का वर्कलोड
भारतीय टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के वर्कलोड का भी ध्यान रखने की जरुरत होगी। सिराज ने इंग्लैंड में पांचों टेस्ट खेले और 185.3 ओवर गेंदबाजी की। डीएसपी सिराज का टेस्ट में रिकॉर्ड घर से बाहर बेहतर है। वहीं, बुमराह के लिए मैच की प्राथमिकता तय करना जरूरी है। टीम इंडिया को नए पेसर्स की तलाश करने की जरुरत है, जो इनके उपयुक्त बैक-अप बन सके।
5) फील्डिंग में सुधार
भारतीय टीम को अपनी फील्डिंग में भी सुधार की सख्त जरूरत है। इंग्लैंड दौरे पर भारत की खराब फील्डिंग की कलई खुल गई। भारत ने अहम मौकों पर कैच टपकाए और कई रन आउट के चांसेस भी छोड़े। टीम इंडिया की छवि अच्छी फील्डिंग साइड के रूप में बनी हुई है और उसे इस पर दोबारा मेहनत करना जरूरी है।
टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरे पर दमदार प्रदर्शन जरूर किया, लेकिन इस दौरान कई ऐसी समस्याएं सामने आईं, जिसका जल्द से जल्द हल खोजना उसके लिए जरूरी हो गया है। भारत को अक्टूबर में अपनी अगली टेस्ट सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलनी है।
इसके बाद नवंबर में दक्षिण अफ्रीका से भारत को भिड़ना है। दो बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की रनर्स-अप भारत की कोशिश चारों मैच जीतकर ज्यादा से ज्यादा अंक अपने खाते में जोड़ने की होगी। चलिए जानते हैं कि वो कौन-से 5 सवाल हैं, जिनका हल भारत को खोजना होगा जरूरी।
1) नंबर-3 पर कौन?
इंग्लैंड दौरे पर नंबर-3 के लिए साई सुदर्शन और करुण नायर दोनों को आजमाया गया। मगर दोनों ही मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे। वेस्टइंडीज के खिलाफ अक्टूबर में इन दोनों में से किसी एक को दोबारा मौका मिल सकता है और उसे दोनों हाथों से इस मौके को लपकना होगा।
2) स्पिन की क्या भूमिका?
इंग्लैंड में जहां स्पिनर्स के लिए मदद कम थी, वहीं उप-महाद्वीप में स्पिनर्स का बोलबाला रहने की उम्मीद है। भारतीय टीम के पास स्पिन को लेकर सीमित विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इनमें कड़ी प्रतिस्पर्धा है। कुलदीप इंग्लैंड में मौके को तरसे। वहां वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा को तरजीह मिली। भारत में जब सीरीज होगी तो देखना होगा कि किन स्पिनर्स को आजमाया जाएगा।
3) ऑलराउंडर्स में किसे मिलेगा मौका?
भारत में अगर सीरीज होगी तो देखना दिलचस्प होगा कि शार्दुल ठाकुर या नीतिश कुमार रेड्डी पर भरोसा जताया जाएगा या नहीं। भारत में ऑलराउंडर के रूप में रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर सफल साबित हो सकते हैं। हालांकि, जडेजा अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर चल रहे हैं तो देखना होगा कि रेड्डी को मौका मिलता है या नहीं।
4) तेज गेंदबाजों का वर्कलोड
भारतीय टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के वर्कलोड का भी ध्यान रखने की जरुरत होगी। सिराज ने इंग्लैंड में पांचों टेस्ट खेले और 185.3 ओवर गेंदबाजी की। डीएसपी सिराज का टेस्ट में रिकॉर्ड घर से बाहर बेहतर है। वहीं, बुमराह के लिए मैच की प्राथमिकता तय करना जरूरी है। टीम इंडिया को नए पेसर्स की तलाश करने की जरुरत है, जो इनके उपयुक्त बैक-अप बन सके।
5) फील्डिंग में सुधार
भारतीय टीम को अपनी फील्डिंग में भी सुधार की सख्त जरूरत है। इंग्लैंड दौरे पर भारत की खराब फील्डिंग की कलई खुल गई। भारत ने अहम मौकों पर कैच टपकाए और कई रन आउट के चांसेस भी छोड़े। टीम इंडिया की छवि अच्छी फील्डिंग साइड के रूप में बनी हुई है और उसे इस पर दोबारा मेहनत करना जरूरी है।
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