सदर अस्पताल के चौथी मंजिल पर खुलेगा कैथलैब, निशुल्क होगा हृदय रोग का इलाज
रांची के सदर अस्पताल में कैथलैब खोलने की तैयारी जोरों पर है। सात करोड़ की लागत से बनने वाले इस लैब के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। चौथी मंजिल पर स्थापित होने वाले इस लैब से हृदय रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज मिलेगा और अन्य मरीजों को सस्ते दर पर इलाज मिलेगा।

सदर अस्पताल में कैथ्रेटर लैब (कैथलैब) खोलने की तैयारी तेज हो गई है। अस्पताल प्रबंधन ने इस उच्च तकनीकी सुविधा के लिए टेंडर निश्चित कर लिया है और जल्द ही निविदा की प्रक्रिया शुरू होगी। इस परियोजना में लगभग सात करोड़ की अनुमानित लागत आएगी।
टेंडर प्रक्रिया फाइनल होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। अस्पताल के चौथे तल्ले को कैथलैब के लिए चिन्हित किया गया है। इसी फ्लोर में लैब स्थापित करने के लिए दो कमरे को जोड़ा जाएगा।
हृदय रोगियों को मिलेगी राहत
कैथलैब शुरू होने के बाद हृदय रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। मरीजों को यहां आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क सुविधा मिलेगी और सामान्य वर्ग के मरीजों को सस्ते दर पर इलाज की सुविधा मिलेगी।
हालांकि कितना दर लिया जाएगा इसे लैब शुरू होने के बाद निर्णय लिया जाएगा। कैथलैब का संचालन सदर अस्पताल की ओर से होगा, जिसके लिए कार्डियोलाजिस्ट व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भी कमी पूरी की जाएगी।
साथ ही कैथलैब खुलने के बाद रिम्स से मरीजों का बोझ भी कम होगा। अभी सरकारी स्तर में रिम्स में ही इसकी सुविधा है, जिसके बाद विभिन्न जिलों सहित दूसरे राज्यों से भी मरीज यहां पर निशुल्क सेवा लेने पहुंचते हैं, जिससे रिम्स में मरीजों की अत्यधिक भीड़ लगी रहती है।
हाल में ही सदर अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा शुरू की गई है। इसमें अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों के साथ-साथ निजी अस्पतालों के भी मरीज यहां पर जांच कराने आ रहे हैं। यहां पर काफी सस्ते दर पर मरीजों की जांच की जा रही है, जो बड़ी आबादी को प्रभावित कर रही है।
मालूम हो कि ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए भी अस्पताल में मेमोग्राफी मशीन लगाई गई है, जिसे शुरू करने के लिए जल्द ही विशेषज्ञों की बहाली की जानी है, हालांकि अभी इस स्तर पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है।
यह लाभ मिलेगा :
रोगियों को सुविधा: हृदय रोग के लिए दूसरे शहर न जाना पड़ेगा
समय और पैसे की बचत: निजी सेंटर से महंगी जांच और इलाज से बचाव
कम समय में इलाज: तत्काल जांच और इंटरवेंशन संभव होंगे
कैथलैब में इस तरह के हृदय रोगियों का होगा इलाज :
- दिल का दौरा
- हार्ट ब्लाकेज, कोरोनरी आर्टरी डिजीज
- अनियमित धड़कन
- जन्मजात हृदय रोग
- वाल्व की बीमारियां
- ब्लड प्रेशर से जुड़ी जटिलताएं
टेंडर प्रक्रिया फाइनल होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। अस्पताल के चौथे तल्ले को कैथलैब के लिए चिन्हित किया गया है। इसी फ्लोर में लैब स्थापित करने के लिए दो कमरे को जोड़ा जाएगा।
हृदय रोगियों को मिलेगी राहत
कैथलैब शुरू होने के बाद हृदय रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। मरीजों को यहां आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क सुविधा मिलेगी और सामान्य वर्ग के मरीजों को सस्ते दर पर इलाज की सुविधा मिलेगी।
हालांकि कितना दर लिया जाएगा इसे लैब शुरू होने के बाद निर्णय लिया जाएगा। कैथलैब का संचालन सदर अस्पताल की ओर से होगा, जिसके लिए कार्डियोलाजिस्ट व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भी कमी पूरी की जाएगी।
साथ ही कैथलैब खुलने के बाद रिम्स से मरीजों का बोझ भी कम होगा। अभी सरकारी स्तर में रिम्स में ही इसकी सुविधा है, जिसके बाद विभिन्न जिलों सहित दूसरे राज्यों से भी मरीज यहां पर निशुल्क सेवा लेने पहुंचते हैं, जिससे रिम्स में मरीजों की अत्यधिक भीड़ लगी रहती है।
हाल में ही सदर अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा शुरू की गई है। इसमें अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों के साथ-साथ निजी अस्पतालों के भी मरीज यहां पर जांच कराने आ रहे हैं। यहां पर काफी सस्ते दर पर मरीजों की जांच की जा रही है, जो बड़ी आबादी को प्रभावित कर रही है।
मालूम हो कि ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए भी अस्पताल में मेमोग्राफी मशीन लगाई गई है, जिसे शुरू करने के लिए जल्द ही विशेषज्ञों की बहाली की जानी है, हालांकि अभी इस स्तर पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है।
यह लाभ मिलेगा :
रोगियों को सुविधा: हृदय रोग के लिए दूसरे शहर न जाना पड़ेगा
समय और पैसे की बचत: निजी सेंटर से महंगी जांच और इलाज से बचाव
कम समय में इलाज: तत्काल जांच और इंटरवेंशन संभव होंगे
कैथलैब में इस तरह के हृदय रोगियों का होगा इलाज :
- दिल का दौरा
- हार्ट ब्लाकेज, कोरोनरी आर्टरी डिजीज
- अनियमित धड़कन
- जन्मजात हृदय रोग
- वाल्व की बीमारियां
- ब्लड प्रेशर से जुड़ी जटिलताएं
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