अरुणाचल प्रदेश में ग्लेशियर पिघलने से सैलाब का खतरा, हिमाचल समेत इन राज्यों में भी बढ़ रहा झीलों का आकार
अरुणाचल प्रदेश में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं जिससे राज्य पर खतरा बढ़ रहा है। पूर्वी हिमालय के कुछ ग्लेशियर 1.5 मीटर की दर से पिघल रहे हैं। सेंटर फॉर अर्थ साइंस एंड हिमालय स्टडीज के अनुसार तवांग के गोरीचेन पर्वत में झीलों का आकार बढ़ रहा है जिससे बाढ़ का खतरा है। 2023 में दक्षिणी ल्होनाक झील में ग्लेशियर गिरने से सिक्किम में भारी तबाही हुई थी।

HIGHLIGHTSग्लेशियर पिघलने से झीलों में जमा हो रहा है पानी।
झील फटने से 2023 जैसी आपदा आने की संभावना।
देश की 432 ग्लेशियल झीलों के आकार में इजाफा।
अरुणाचल प्रदेश में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिसके कारण राज्य पर खतरा मंडरा रहा है। ग्लेशियर पिघलने (Glacier Melting in Arunachal Pradesh) से झीलों में ज्यादा पानी जमा हो रहा है। ऐसे में झील फटने या बाढ़ आने से कई इलाकों में भारी तबाही मच सकती है।
हाल ही एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी हिमालय में स्थित कुछ ग्लेशियर 1.5 मीटर की तेजी से पिघल रहे हैं। सेंटर फॉर अर्थ साइंस एंड हिमालय स्टडीज (CES&HS) ने यह खुलासा किया है।
अरुणाचल में पिघल रहा ग्लेशियर
CES&HS पिछले कुछ समय से तवांग के गोरीचेन पर्वत में स्थित खांगरी ग्लेशियर पर नजर रखे हुए हैं। एक सैटेलाइट सर्वे के दौरान इस इलाके से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 2016 से 2025 के बीच यहां मौजूद झीलों का आकार तेजी से बढ़ा है। ऐसे में अगर झीलें फटीं तो अरुणाचल के कई हिस्सों में फ्लैश फ्लड्स आ सकते हैं।

2023 में आई थी आपदा
3 अक्तूबर 2023 को दक्षिणी ल्होनाक झील में ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा आकर गिरा था, जिसके कारण ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) देखने को मिला था। इसका असर 385 किलोमीटर तक तीस्ता नदी से होते हुए बांग्लादेश तक हुआ। इस आपदा से सिक्किम में 55 लोगों की मौत हो गई और 74 लोग लापता हुए थे।
गोरीचेन पर्वत क्षेत्र में रानी झील मौजूद है, जिसपर ग्लेशियर पिघलने का सबसे ज्यादा असर हो रहा है। इस झील के फटने से अरुणाचल समेत सिक्किम में फिर से फ्लैश फ्लड की स्थिति बन सकती है।
राज्य
ग्लेशियल झीलों की मॉनिटरिंग
अरुणाचल प्रदेश 197
लद्दाख 120
जम्मू कश्मीर 57
सिक्किम 47
हिमाचल प्रदेश 6
उत्तराखंड 5
432 ग्लोशियल झीलों की हो रही मॉनिटरिंग
सेंट्रल वॉटर कमीशन (CWC) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 400 से ज्यादा ग्लेशियल झीलों पर खतरा मंडरा रहा है। इनके आकार तेजी से बढ़ रहे हैं। CWC ने 432 ग्लेशियल झीलों पर नजर बना रखी है। आपदा के लिहाज से सभी झीलों पर नजर रखी जा रही है। यह ग्लेशियर लद्दाख, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में मौजूद हैं।
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