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Thursday, June 22, 2017

दलित VS दलित : UPA की राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगी मीरा कुमार, NDA के कोविंद से मुकाबला

नई दिल्ली। आखिरकार यूपीए ने राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है। संसद भवन में राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए हुई विपक्ष की बैठक में मीरा कुमार का नाम तय हुआ। बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। एनसीपी के शरद पवार ने मीरा कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा। विपक्ष का कहना है कि वे सेकुलर दलों से मीरा कुमार को समर्थन देने की अपील करेगा। मीरा कुमार 27 जून को नामांकन भरेंगी।

विपक्ष के इन धुरंधरों ने बनाया प्लान
कांग्रेस से सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, बीएसपी से सतीश मिश्रा, टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन, केरल कांग्रेस से जॉर्ज मनी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, आरएलडी से अजीत सिंह, नेशनल कॉन्फ्रÞेंस से उमर अब्दुल्ला, एनसीपी से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, तारिक अनवर, सीपीएम से सीताराम येचुरी, सीपीआई से डी राजा, आरएसपी के प्रेमचंद्रन, डीएमके से कनिमोझी, जेएमएम से हेमंत सोरेन, जेडीएस से दानिश अली खान, आॅल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट प्रतिनिधि, मुस्लिम लीग कुंजली कुट्टी, आरजेडी से लालू और जयप्रकाश नारायण यादव बैठक में शामिल हुए।

ऐसे फंसे मुख्यमंत्री नीतीश
विपक्ष की बैठक में 17 राजनीतिक दल मौजूद थे और सभी ने मीरा कुमार पर सहमति जताई. नहीं थे तो बस नीतीश। नीतीश के लिए मुश्किल यह है कि अगर वो अब भी भाजपा प्रत्याशी के साथ जाते हैं तो विपक्षी दलों के बीच अलग-थलग पड़ जाएंगे. यही स्थिति मुलायम सिंह यादव के लिए भी है जो कोविंद के नाम पर नरम दिखाई दे रहे थे। कोविंद बिहार के राज्यपाल हैं लेकिन उनकी जमीन यूपी है। मीरा कुमार का ताल्लुक बिहार से है। उन्होंने वहां राजनीति की है। नीतीश के लिए मीरा कुमार का समर्थन न करना बिहार में भी उनके लिए मुश्किल खड़ी करेगा। दूसरी ओर, राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद के नामांकन के अवसर पर बीजेपी और एनडीए अपनी जबर्दस्त ताकत का प्रदर्शन करना चाहते हैं।  इसे एक मेगा पावर शो बनाने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित एनडीए शासित राज्यों के 20 मुख्यमंत्री कोविंद के नामांकन के अवसर पर दिल्ली आ रहे हैं। कोविंद के नामांकन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा शासित राज्यों के सभी 13 मुख्यमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती, आंध्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु पालनीस्वामी समेत सभी केंद्रीय मंत्री मोजूद रहेंगे।  बीजेपी के सभी शीर्ष नेता, कोविंद के प्रस्तावक और सहयोगी दलों के नेता आज सुबह 10 बजे संसद के बालयोगी आॅडिटोरियम में जुटेंगे। यहां से एकसाथ वे कोविंद के नामांकन के लिए जाएंगे। रामनाथ कोविंद के रूप में मास्टर स्ट्रोक खेलकर पीएम मोदी ने विपक्ष को तो पहले ही धराशायी कर दिया है, ऐसे में बीजेपी-एनडीए नेताओं के हौसले काफी बुलंद हैं।

नीतीश पर पहली बार बोले लालू
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव बिहार में गठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार नीतीश के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। लालू यादव ने कहा,‘हम पार्टी फासिस्ट ताकतों को दूर करने के लिए हम इकट्ठा हुए थे। मीरा कुमार बिहार की बेटी, दलितों के महान नेता जगजीवन राम की बेटी हैं। अगर कांग्रेस कहती तो भी हम बीजेपी के प्रत्याशी का समर्थन नहीं करते। नीतीश कुमार ने इस बारे में हमसे राय लेने की जरूरत नहीं समझी। यह किसी व्यक्ति के अच्छे या बुरे होने हम व्यक्ति के सुंदरता की बात नहीं करते, आइडियोलॉजी की बात करते हैं।


यह है वोटों का गणित, आप भी जानिए...
राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4120 विधायकों और  776 सांसदों का वोट शामिल होगा। हर सांसद के वोट का मूल्य 708 है, जबकि विधायक के वोट का मूल्य संबंधित राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होता है। जिस राज्य की ज्यादा जनसंख्या होती है वहां के विधायकों के वोट का मूल्य ज्यादा होता है। कुल 100 प्रतिशत वोटों में से चुनाव जीतने के लिए किसी भी प्रत्याशी को 51 प्रतिशत वोट पाने होते हैं। बीजेपी के पास 1352 विधायकों और 337 सांसद हैं जिनका वोट कुल वोटों का करीब 40.03 प्रतिशत है। शिव सेना जिसने मंगलवार (20 जून) को बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा की उसके पास 63 विधायक और 21 सांसद हैं जिनका वोट प्रतिशत 2.34 है। बीजेपी के अन्य दलों का वोट मिलाकर एनडीए के पास कुल 48.64 प्रतिशत वोट है। यानी बीजेपी को कोविंद को जिताने के लिए करीब ढाई प्रतिशत वोट ही और चाहिए। वहीं यूपीए के पास करीब 35.47 फीसदी वोट शेयर हैं।

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