बेंगलुरु.देश के जानेमाने वकील राम जेठमलानी ने कालेधन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। बेंगलुरु में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कालाधन वापस लाने का भरोसा दिलाया था, इसीलिए 2014 के चुनाव में मैंने प्रधानमंत्री के लिए उनका समर्थन किया। जेठमलानी ने कहा कि मुझे बाद में अहसास हुआ कि कालेधन पर प्रधानमंत्री का वादा पूरी तरह खोखला था और मैं मूर्ख बन गया।
विदेशी बैंकों में 90 लाख करोड़ कालाधन
बेंगलुरु प्रेस क्लब के कार्यक्रम में जेठमलानी ने कहा, ''देश के 1400 अमीरों का 90 लाख करोड़ कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है। मैं इसके खिलाफ 2009 से लड़ाई लड़ रहा हूं। कुछ साल पहले नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मदद मांगी थी, तब दोनों नेता मुझसे मिलने घर भी आए। ''उन्होंने कालेधन के खिलाफ लड़ाई में मेरा साथ देने की बात कही थी। क्योंकि दोनों नेताओं पर हत्या के मुकदमे चल रहे थे और वे चाहते थे कि मैं उनकी मदद करूं और उन्हें इन मामलों से निकालूं।''
जीत के बाद मुझसे लड़ाई रोकने के लिए कहा
जेठमलानी ने दावा किया, ''2014 में भाजपा की सरकार बनी और दोनों नेताओं ने परोक्ष रूप से मुझसे कहना शुरू कर दिया था कि आप कालेधन के खिलाफ जारी लड़ाई को बंद कर दीजिए। तब मुझे अहसास हुआ कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन कर मैंने मूखतापूर्ण फैसला लिया।'' ''मैं कालेधन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा। सुप्रीम कोर्ट में मेरी ओर से लगाए गए केस की सुनवाई की तारीख 15 जुलाई तक हो चुकी है। जर्मनी और स्विट्जरलैंड कालाधन रखने वालों की लिस्ट देने के लिए तैयार हैं। पर मौजूदा सरकार इस पर सही फैसला नहीं ले पा रही है।''
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