कर्नाटक में चुनावों के नतीजे आने के बाद से सियासी ड्रामा जारी है। सरकार बनाने के दावे को लेकर मची होड़ के बीच कांग्रेस और जेडीएस आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन राज्यपाल के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी निराश होकर लौटना पड़ा। दरअसल, कांग्रेस और जेडीएस की येद्दयुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ को रोकने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया और मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार निर्धारित की। इससे पहले राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया।
11.45 PM: येद्दयुरप्पा ने किया ट्वीट कर कहा- कल लूंगा शपथ, आप सबकी दुआएं मेरे साथ
12.00 AM: कांग्रेस और जेडीएस की संयुक्त याचिका पर सुनवाई के बारे में CJI से निर्देश लेने असिस्टेंट रजिस्ट्रार उनके आवास पहुंचे।
12.20 AM: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य न्यायाधीश के आवास पर पहुंचे।
01.08 AM: तय हुआ कांग्रेस और जेडीएस की अर्जी पर रात पौने दो बजे होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।
01.20 AM: तय हुआ जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी और जस्टिस शरद अरविंद बोबडे करेंगे इस मामले की सुनवाई।
01.25 AM: निर्णय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 2 में नहीं, कोर्ट नंबर 6 में होगी सुनवाई।
01.40 AM: कांग्रेस और जेडीएस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और केंद्र सरकार यानी राज्यपाल की ओर से एएसजी तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट मे पक्ष रखेंगे।
01.45 AM: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जज और वकील।
01.47 AM: पूर्व अटार्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, मुकुल रोहतगी भाजपा और बीएस येद्दयुरप्पा की ओर से पक्ष रखेंगे।
01.55 AM: सुप्रीम कोर्ट मे बहस शुरू।
सुप्रीम कोर्ट से भी मिली निराशा
कांग्रेस-जेडीएस राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं भाजपा खुद को सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने की हकदार मान रही है। हालांकि राज्यपाल ने भी भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया है, जिससे बौखलाई कांग्रेस और जेडीएस ने कड़ा ऐतराज जताया और मामला पहुंच गया सुप्रीम कोर्ट। भारत के इतिहास में दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे आधी रात को खुले हैं। इससे पहले आतंकी याकूब मेमन की फांसी की सजा को लेकर आज से तीन साल पहले आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी।
जानिए, सुप्रीम कोर्ट में कब-क्या हुआ
11.35 PM: सुप्रीम कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की गईं, एक कांग्रेस की प्रदेश यूनिट की ओर से और दूसरी जेडीएस की ओर से।
12.00 AM: कांग्रेस और जेडीएस की संयुक्त याचिका पर सुनवाई के बारे में CJI से निर्देश लेने असिस्टेंट रजिस्ट्रार उनके आवास पहुंचे।
12.20 AM: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य न्यायाधीश के आवास पर पहुंचे।
01.08 AM: तय हुआ कांग्रेस और जेडीएस की अर्जी पर रात पौने दो बजे होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।
01.20 AM: तय हुआ जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी और जस्टिस शरद अरविंद बोबडे करेंगे इस मामले की सुनवाई।
01.25 AM: निर्णय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 2 में नहीं, कोर्ट नंबर 6 में होगी सुनवाई।
01.40 AM: कांग्रेस और जेडीएस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और केंद्र सरकार यानी राज्यपाल की ओर से एएसजी तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट मे पक्ष रखेंगे।
01.45 AM: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जज और वकील।
01.47 AM: पूर्व अटार्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, मुकुल रोहतगी भाजपा और बीएस येद्दयुरप्पा की ओर से पक्ष रखेंगे।
01.55 AM: सुप्रीम कोर्ट मे बहस शुरू।
- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा राज्यपाल ने संवैधानिक मानकों की अनदेखी की है।
- मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल के फैसले पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कुमारस्वामी ने कांग्रेस विधायकों के समर्थन से 222 सदस्यों की विधानसभा मे 116 विधायकों का समर्थन पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने उन्हें नहीं बुलाया और 104 विधायकों वाली भाजपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दे दिया।
- सिंघवी ने गोवा के मामले का दिया उदाहरण। सिंघवी ने बीएस येद्दयुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिए जाने पर भी सवाल उठाया।
- मुकुल रोहतगी ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में गोवा विधानसभा का उदाहरण नहीं दे सकती, क्योंकि उसने वहां पर सरकार बनाने का दावा ही पेश नहीं किया था।
- अभिषेक मनु सिंघवी की दलील पर कोर्ट ने कहा कि भाजपा सबसे बड़ा दल है उसे बुलाया गया। क्या सबसे बड़े दल को नहीं बुलाया जा सकता? सिंघवी ने कहा, लेकिन उनके पास सिर्फ 104 विधायक हैं बहुमत के लिए 112 चाहिए। कांग्रेस के विधायक टूटे बगैर बहुमत संभव नहीं और कानून इसकी इजाजत नहीं देता।
- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा जब तक बहुमत और समर्थन के प्रतिवादी दावे सुलझते है तब तक के लिए कोर्ट यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे । सरकार गठन न हो यानी सिंघवी ने एक तरह से येद्दयुरप्पा के शपथग्रहण पर रोक लगाने की मांग की। कोर्ट ने पूछा कि क्या कोर्ट ऐसी रोक लगा सकता है?
- सिंघवी ने कहा कि पूर्व मे कोर्ट ऐसा आदेश दे चुका है। कोर्ट ने कहा पूर्व मामलों मे कोर्ट ने राज्यपाल की कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है।
- कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि आप कोर्ट से राज्यपाल के निर्णय की समीक्षा करने को कह रहे हैं, लेकिन आपने वो चिट्ठी पेश नहीं की है जिसके आधार पर राज्यपाल ने येद्दयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया है।
- मुकुल रोहतगी ने आधी रात मे मामले की सुनवाई का किया विरोध कहा कि अगर कोई शपथ ग्रहण कर लेता तो कोई आसमान नहीं टूट पड़ता । ये कोई अर्जेन्ट सुनवाई का मामला नहीं था पिछली बार कोर्ट याकूब मेनन के केस में आधी रात को सुनवाई के लिए बैठा था वो मामला अर्जेन्ट था।
- अटार्नी जनरल ने कांग्रेस की याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि फ्लोर टेस्ट का इंतजार होना चाहिए था।
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