अमेरिका और 6 खाड़ी देशों ने हिजबुल्ला नेतृत्व पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ये कार्रवाई क्षेत्र में ईरान और उसके सहयोगियों पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की अमेरिका की कवायद का हिस्सा है। अमेरिका और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले टेररिस्ट फाइनेंसिंग एंड टार्गेटिंग सेंटर (TFTC) ने कहा कि प्रतिबंध हिजबुल्ला की शूरा काउंसिल को निशाना बनाकर लगाए गए हैं। अमेरिका और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले आतंकवाद वित्तपोषण लक्षित केंद्र (टीएफटीसी) ने कहा कि प्रतिबंध हिजबुल्ला की शूरा काउंसिल को निशाना बनाकर लगाए गए हैं।
यह लेबनान की शक्तिशाली मिलिशया की निर्णय लेने वाली काउंसिल है। शिया संगठन हिजबुल्ला के महासचिव हसन नसरल्ला और उप महासचिव नईम कासिम के साथ तीन अन्य शूरा काउंसिल सदस्यों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। इन सभी के नाम पर संपत्ति और वैश्विक वित्तीय नेटवर्कों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।
इस बीच, टीएफटीसी के छह खाड़ी देश सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएइ) ने हिजबुल्ला से संबंधित अन्य नौ लोगों और कंपनियों पर प्रतिबंधों की घोषणा की है। अमेरिका के वित्त विभाग ने पहले ही इन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल रखा है। यह दूसरी बार है जब वर्षों पुरानी टीएफटीसी संगठनों पर प्रतिबंधों की घोषणा करने के लिए एक साथ आई है।
आइएसआइएस, अलकायदा, हिजबल्ला, लश्कर-ए- तैयबा, तालिबान, हक्कानी नेटवर्क जैसे नए तथा उभरते आतंकवादी संगठनों से मुकाबला करने के लिए मई 2017 में TFSC की स्थापना की गई थी।
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