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Monday, July 22, 2024

बांग्लादेश में कोटा सिस्टम पर कोर्ट के फैसले के बाद आई शांति, फिर भी बहाल नहीं हुई इंटरनेट और मोबाइल डेटा की सेवाएं

 बांग्लादेश में कोटा सिस्टम पर कोर्ट के फैसले के बाद आई शांति, फिर भी बहाल नहीं हुई इंटरनेट और मोबाइल डेटा की सेवाएं


बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी में आरक्षण का फैसला वापस ले लिया है।सुप्रीम कोर्ट ने कल अपने फैसले में 93% सरकारी नौकरियों को योग्यता के आधार पर आवंटित करने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद से देश में स्थिति पहले से बेहतर है लेकिन इंटरनेट सेवा अभी भी शुरू नहीं की गई है।


बांग्लादेश में बंद हैं इंटरनेट सेवाएं 

बांग्लादेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कल नौकरी में आरक्षण का फैसला वापस ले लिया। इस फैसले के बाद से देश में पहले से स्थिति थोड़ा ठीक है, लेकिन प्रदर्शनकारियों के हिंसक विरोध के बीच इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं बंद अभी भी बंद है। सरकार ने सोमवार को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया, ऐसे में आज केवल आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी। इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं अभी भी बंद हैं।

रविवार रात को कुछ छात्र प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का आग्रह किया था। छात्र आंदोलन के समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वे पूर्ण बंद के अपने एलान को वापस ले रहे हैं, जिसे उन्होंने पिछले हफ्ते लागू करने का प्रयास किया था।
48 घंटे का अल्टीमेटम जारी

हसनत अब्दुल्ला ने आगे कहा, 'लेकिन हम डिजिटल कार्रवाई को रोकने और इंटरनेट कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम जारी कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में तैनात सुरक्षा अधिकारियों को वापस लिया जाना चाहिए, छात्र छात्रावासों को फिर से खोला जाना चाहिए और कदम उठाए जाने चाहिए ताकि छात्र सुरक्षित रूप से अपने परिसरों में लौट सकें।

कई हफ्तों के लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकारी नौकरियों के लिए विवादास्पद कोटा प्रणाली को वापस लेने के फैसले के बाद बांग्लादेश में शांति को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं अभी भी बंद हैं।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 93% सरकारी नौकरियों को योग्यता के आधार पर आवंटित करने का आदेश दिया, जबकि शेष 7 फीसद नौकरियां 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले सेनानियों के रिश्तेदारों और अन्य श्रेणियों के लिए छोड़ी गईं।

दक्षिण एशियाई देश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें देखी गईं, जो 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के रिश्तेदारों के लिए 30% सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाले कोटा को समाप्त करने की मांग कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसा में सौ से अधिक लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने अब तक मौतों के आधिकारिक आंकड़े साझा नहीं किए हैं। तनाव बढ़ने के कारण संचार बंद कर दिया गया था।

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