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Sunday, September 21, 2025

हाथ-पैर बांधे, ट्यूब से ठूंसा खाना... चीन में कोरोनावायरस की सूचना देने वाली पत्रकार को फिर जेल की सजा

 हाथ-पैर बांधे, ट्यूब से ठूंसा खाना... चीन में कोरोनावायरस की सूचना देने वाली पत्रकार को फिर जेल की सजा



चीन में कोरोना वायरस की जानकारी देने वाली महिला पत्रकार झांग झान को फिर से 4 साल की जेल हुई है। उन्होंने वायरस के बारे में दुनिया को बताकर चीन का नकाब उतारा था। पहले भी उन्हें 2020 में 4 साल की सजा हुई थी। रिहा होने के बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।


चीन में पहले भी झांग को 4 साल की सजा सुनाई गई थी (फोटो: रॉयटर्स)

 जिस चीन से निकलकर कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैला था और लाखों लोगों की जान ले ली थी, उसी चीन में पहली बार कोरोनावायरस की जानकारी देने वाली महिला पत्रकार को फिर से 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। चीन कभी नहीं चाहता था कि कोरोनावायरस को फैलाने का आरोप उस पर लगे। इस कारण वह हमेशा दुनिया से इसे लेकर झूठ बोलता रहा।


लेकिन झांग झान नाम की इस पत्रकार ने न सिर्फ दुनिया को चीन में फैले इस खतरनाक वायरस की जानकारी दी, बल्कि फोटो और वीडियो शेयर कर चीन का नकाब भी उतार दिया था। इस से खुन्नस खाए चीन ने पहले झांग को 4 साल की सजा सुनाई थी। अब एक बार फिर से उन्हें 4 साल के लिए जेल भेज दिया गया है।


पहले भी 4 साल के लिए भेजा गया जेल

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के मुताबिक, चीन में 42 साल की झांग झान पर झगड़ा करने और अशांति फैलाने का आरोप लगा है। इसी के आधार पर उन्हें फिर से 4 साल की सजा सुनाई गई है। इसी आरोप में उन्हें इसके पहले दिसंबर 2020 में भी 4 साल के लिए जेल भेजा गया था। जेल में भी झांग के साथ काफी बदसलूकी की गई थी।


जेल भेजे जाने के बाद जांग ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने उनके हाथ-पैर बांध दिए थे और उन्हें ट्यूब से जबरन खाना खिलाया जाता था। झांग को मई 2024 में रिहा कर दिया गया था। लेकिन 3 महीने बाद ही उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर शंघाई के पुडोंग डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया।


जब कोविड फैलने के बावजूद चीन दुनिया को अपने देश में स्थिति के सामान्य होने का झांसा देता था, तब झांग ने वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से चीन की वास्तविक स्थिति दिखाई थी। बता दें कि चीन में पत्रकारों की स्थिति काफी दयनीय है। आरएसएफ वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2025 में चीन 180 देशों और क्षेत्रों में 178वें स्थान पर है। आरएसएफ चीन को पत्रकारों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी जेल बताता है। चीन में करीब 124 मीडियाकर्मी जेल में बंद हैं।

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