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Monday, July 31, 2017

‘कानून तोड़ना और कोर्ट की अवमानना हमारे खून में’

नई दिल्ली। लगता है हम भारतीयों को अब कानून तोड़ने और कोर्ट की अवमानना करना हमारे कल्चर और खून में है। यह कहना है देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर का। एक अंग्रेजी बेवसाइट की खबर के मुताबिक जस्टिस खेहर ने ये टिप्पणी शुक्रवार को एक सुनवाई के दौरान की। उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं सहा जा सकता है, अगर आप एक तरक्की वाला देश बनना चाहते हो तो आपको कानून का पालन करना होगा। अगर कानून का पालन नहीं होगा तो आपको सजा मिलेगी। दिल्ली के लाजपत नगर में एक इंस्टीट्यूट के हेड दिनेश खोसला के द्वारा घर की बिल्डिंग का उपयोग कमर्शियल के तौर पर कर रहे थे।

इस टिप्पणी को विजय माल्या के कोर्ट की अवमानना करने से भी देखा जा सकता है, माल्या ने कोर्ट के आदेश के बावजूद भी कोर्ट में पेशी को बार-बार नकारा। शराब कारोबारी माल्या 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार हैं, हाल ही में माल्या ने कहा था कि वह यूके में सुरक्षित महसूस करते हैं।

24 अगस्त को होंगे रिटायर
आपको बता दें कि जस्टिस खेहर का कार्यकाल 24 अगस्त को पूरा हो रहा है। उन्होंने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस दीपक मिश्र का नाम प्रस्तावित किया है।

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