भारत के इन राज्यों में बैन है पिटबुल और रॉटविलर जैसी खूंखार नस्लें, कहीं आपका शहर भी तो लिस्ट में नहीं?
भारत के कई राज्यों में पिटबुल, रॉटविलर और डोगो अर्जेंटिनो जैसी 23 विदेशी नस्लों के कुत्तों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर में इन नस्लों को पालने, प्रजनन करने और खरीदने-बेचने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह फैसला कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के कारण लिया गया है। दिल्ली में भी इन नस्लों के पंजीकरण पर रोक है।

इन राज्यों में बैन है पिटबुल और रॉटविलर जैसी खूंखार नस्ल
देश के कई राज्यों में पिटबुल, रॉटविलर जैसी विदेशी नस्लों के कुत्तों पर बैन है। यूपी के गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर इलाके में इन नस्लों के कुत्तों को पालने, प्रजनन और खरीद बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी है।
चंडीगढ़ में भी अमेरिका बिलडॉग, पिटबुल और बुल टेरिएर पर बैन लगा है। गोवा और तमिलनाडु में भी पिटबुल और रॉटविलर को बैन कर दिया गया है। केरल और कर्नाटक में भी कई खूंखार प्रजातियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
23 विदेशी नस्लों के कुत्तों पर बैन
2024 में केंद्र सरकार ने भी 23 नस्ल के कुत्तों पर बैन लगाया था। इनमें पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलेरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोअरबेल, कांगल शामिल हैं।
इसके अलावा इसमें रशियन शेफर्ड, टॉर्नजैक, सारप्लानिनैक, जापानी टोसा और अकिता, मास्टिफ, रॉटवेइलर, टेरियर्स, रोडेशियन रिजबैक, वुल्फ डॉग, कैनारियो, अकबाश डॉग, मॉस्को गार्ड डॉग और केन कोर्सों शामिल हैं।
क्यों बैन हैं इन नस्लों के कुत्ते?
ऐसी नस्लों के कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ने के चलते ये फैलसा लिया गया है। हाल ही में दिल्ली नगर निगम ने कहा कि इन नस्लों के कुत्तों के पंजीकरण, लाइसेंस और ब्रीडिंग पर पूरी तरह से रोक रहेगी। जो कोई भी नियमों की अनदेखी करेगा उसपर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
वही दिल्ली कैंट एरिया में सुरक्षा कारणों और पहले हुई घटनाओं को ध्यानमे रखते हुए पिटबुल और रॉटविलर को पालने पर बैन लगाया गया है।
चंडीगढ़ में भी अमेरिका बिलडॉग, पिटबुल और बुल टेरिएर पर बैन लगा है। गोवा और तमिलनाडु में भी पिटबुल और रॉटविलर को बैन कर दिया गया है। केरल और कर्नाटक में भी कई खूंखार प्रजातियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
23 विदेशी नस्लों के कुत्तों पर बैन
2024 में केंद्र सरकार ने भी 23 नस्ल के कुत्तों पर बैन लगाया था। इनमें पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलेरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोअरबेल, कांगल शामिल हैं।
इसके अलावा इसमें रशियन शेफर्ड, टॉर्नजैक, सारप्लानिनैक, जापानी टोसा और अकिता, मास्टिफ, रॉटवेइलर, टेरियर्स, रोडेशियन रिजबैक, वुल्फ डॉग, कैनारियो, अकबाश डॉग, मॉस्को गार्ड डॉग और केन कोर्सों शामिल हैं।
क्यों बैन हैं इन नस्लों के कुत्ते?
ऐसी नस्लों के कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ने के चलते ये फैलसा लिया गया है। हाल ही में दिल्ली नगर निगम ने कहा कि इन नस्लों के कुत्तों के पंजीकरण, लाइसेंस और ब्रीडिंग पर पूरी तरह से रोक रहेगी। जो कोई भी नियमों की अनदेखी करेगा उसपर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
वही दिल्ली कैंट एरिया में सुरक्षा कारणों और पहले हुई घटनाओं को ध्यानमे रखते हुए पिटबुल और रॉटविलर को पालने पर बैन लगाया गया है।
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